सिद्धार्थनगर। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के प्रथम दिन को भारतीय नववर्ष के रूप में मनाने के लिए रविवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सदस्य कलेक्ट्रेट परिसर में एकत्रित हुए।
इस दौरान संघ के विभाग प्रचारक राजीव नयन ने स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए कहा कि चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के दिन संघ के संस्थापक आद्य सर संघचालक डॉ. बलिराम हेडगेवार की जयंती होती है। विक्रमी संवत्सर नववर्ष पूर्ण रूप से भारतीय संस्कृति, सभ्यता व परम्पराओं का प्रारंभ दिवस है।
कहा कि वर्ष प्रतिपदा का दिन ऋतु परिवर्तन का प्रतीक है, वातावरण में पुष्पों की सुगंध भरी होती है, पेड़ों में नए पत्ते निकलते हैं, फसलें भी पककर तैयार हो जाती है। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को ही ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की थी, भारत वर्ष में प्राचीन काल से चली आ रही काल गणना इसी दिन से प्रारंभ होती है। सम्राट विक्रमादित्य ने शकों को पूर्ण रूप से पराजित कर भारत से भगा दिया और विक्रम संवत प्रारंभ किया। इसी दिन स्वामी दयानंद ने आर्य समाज की स्थापना की थी और भगवान राम का राज्याभिषेक भी इसी दिन हुआ था।
हिंदू नववर्ष की शुरुआत में ही मां दुर्गा के नवरूप की आराधना की जाती है। इसलिए पूर्ण हर्षोल्लास के साथ भारतीय नव वर्ष मनाया जा रहा है। कहा कि भारत में जन्में प्रत्येक व्यक्ति को राष्ट्र निर्माण के प्रति समर्पण का भाव रखना चाहिए। राष्ट्र जैसे छोटे से शब्द में विशाल, असीमित, बहुआयामी अर्थ व कर्तव्य बोध का सार समाहित है।
इस दौरान मुरलीधर अग्रहरि, विशाल, मोहित, अभय त्रिपाठी, मनोज कुमार, गोविंद माधव, फतेहबहादुर, दीपक मौर्या, विपिन सिंह, सौरभ, अरुण, हरिशंकर, नंदलाल रस्तोगी, धनंजय, शिवपाल, योगेश, शिवा, सत्यम आदि मौजूद रहे।