रहमतों, और बरकतों का पाकीजा महीना है रमजान- मौलाना बारी

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Ramadan is the brightest month of Rehmat, and Barkat - Maulana Bari

अवधनामा संवाददाता

अतरौलिया/आजमगढ़ । (Atraulia / Azamgarh) इस्लामी साल का नौवां महीना रमजान उल मुबारक बुधवार से शुरू हो रहा है। जो रहमतों, और बरकतों का पाकीजा महीना है। रमजान में पंजगाना नमाज पढ़ने के अलावा इसके दिन का रोजा और रात की नमाज ए तरावीह होसूले रहमत का बेहतरीन जरिया हैं। रोजा के बारे में पवित्र किताब कुरान पाक में बहुत ही दिलचस्प बात कही गई है। ऐ ईमान वालों ! तुम पर रोजे फर्ज किए गए ,जैसा कि तुम से पहले लोगों पर रोजा फर्ज किया गया था। ताकि तुम गुनाहों से बचो। रोजा का असल मकसद गुनाहों से परहेज करना और तमाम तरह की बुराइयों और बेहयाइयों से अपने आप को दूर रखना है। पैगंबर ए इस्लाम हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहो ताला अलैहे वसल्लम ने इरशाद फरमाया कि जो शख्स रोजा की हालत में झूठ बोलना और झूठ पर अमल करना तरक नहीं किया तो  ऐसे रोजा की अल्लाह को जरूरत नहीं है। अल्लाह ताला ने फरमाया रोजा  मेरे लिए है और इसका बदला मैं खुद दूंगा रोजादार के मुंह की बू अल्लाह को बहुत पसंद है ,जन्नत में एक दरवाजा है, जिसका नाम रैयान है। उससे वही लोग प्रवेश करेंगे जो रोजादार होंगे। शासन प्रशासन और हुकूमत की गाइडलाइन के मुताबिक अपने धार्मिक इबादत को अंजाम दें। 2 गज की दूरी और मास्क है जरूरी पर अमल करना न भूलैं। उक्त बातैं मौलाना मोहम्मद अब्दुल बारी नईमी पेश इमाम जामा मस्जिद अतरौलिया एवं अध्यापक मदरसा अरबिया फैजे नईमी सरैया ने कही।

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