अवधनामा संवाददाता
सिद्धार्थनगर।(Siddharthnagar) पाक महीना रमज़ान हम सबको इंसानियत और हमदर्दी का पैग़ाम देता है, ऐसे वक्त में जब मुल्क कोरोना जैसी महामारी से जूझ रहा है, रोज़ेदारों की ज़िम्मेदारियां और भी बढ़ जाती हैं। हमें इस पाक महीने में धर्म और ज़ात-पात से ऊपर उठकर हर ग़रीब और लाचार की मदद करनी चाहिए। रमज़ान मुबारक के हवाले से यह विचार बरांव शरीफ़ के मशहूर आलिम ए दीन हज़रत ग़ुलाम अब्दुल क़ादिर अलवी साहब ने प्रकट किए। अलवी साहब ने अपनी तकरीर में कहा कि रमज़ान सब्र और इबादत का महीना है. इस महीने में ग़रीबों की मदद करने और अपने आप को सच्चा इंसान बनाने की कोशिश करना चाहिए।
इस अवसर पर मशहूर इस्लामी स्कालर मुफ़्ती मोहम्मद आसिफ़ अलवी, अज़हरी ने कहा कि रोज़ा का मकसद भूख और प्यास की हालत में ग़रीबों, लाचारों की भूख- प्यास का एहसास कराना है। दूसरों की भूख और प्यास का एहसास बेदार होने पर ही इंसान के भीतर दूसरों की मदद की भावना पैदा होती है। आज के हालात में इंसानों की जान बचाना ही सबसे बड़ी इबादत है। हम सबको मिलकर कोरोना जैसी भयानक महामारी से लड़ने के लिए तैयार रहना होगा।
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