मुंबई, सोमवार : ‘’देश ने एक कुशल प्रशासक खो दिया है!’’, इन शब्दों में भारत रत्न पूर्व राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी को उत्तर प्रदेश के पूर्व राज्यपाल श्री राम नाईक ने आदरांजलि अर्पित की.
अपने शोक संदेश में पूर्व राज्यपाल श्री राम नाईक ने यादें उजागर करते हुए कहा, ‘‘राजनीति में विभिन्न विचारधारा होते हुए भी स्नेह कैसे पनपता है इसका प्रमाण भी हम दोनों की मित्रता! 1980 के दशक में जब मैं मुंबई के बोरीवली क्षेत्र का विधायक था तब देश के वित्त मित्र प्रणबदा से पहली बार मिला था. क्षेत्र में जीवन बीमा आयोग की बड़ी कालनी थी वहां स्कूल के लिए जगह की माँग लेकर मैं उनके पास गया था. कुछ वर्षों बाद जब मैं सांसद बना तब भी वें केंद्रीय मंत्री थे. कुछ वर्षों बाद जब मैं केंद्र सरकार में मंत्री था तब वें विपक्ष के नेता थे. एक दुसरे के प्रति हमने हमेशाही आदरभाव रखा. स्वाभाविक था कि जब राज्यपाल पद की शपथ ग्रहण कराने के पहले मैं उनसे मिला तब उन्होंने गले लगाकर स्वागत किया और संविधान की प्रति मुझे भेंट की. आज भी मुझे उनके शब्द याद है. उन्होंने कहा था, ‘अब आप भी राजनीति छोड़ कर संविधानिक जिम्मेदारी का वहन करेंगे. इम्तिहान की घडी में भी आप संविधान का पालन करेंगे यह मुझे विश्वास है!’’ बतौर राज्यपाल कई बार चुनौतियों का मुझे सामना करना पड़ा. उन परिस्थितियों में हमेशा मुझे प्रणबदा का मार्गदर्शन मिला. हमारी अंतिम मुलाकात पिछले वर्ष मैं दिल्ली गया तब हुई. जिम्मेदारियों से मुक्त हम दोनों ने ढेर सारी दिल खोल कर बाते की. वें सम्मान में बड़े, तो मैं उम्र से! इसिलिए इस कदर अचानक बिमार होकर उनका जाना मन को बहुत व्यथित कर रहा है. प्रणबदा को मेरी श्रद्धांजलि!’’