दिल्ली में हुई हिंसा को लेकर अब राजनीति शुरू हो गई है। सुपरस्टार रजनीकांत ने दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा। रजनीकांत ने हिंसा रोकने में अमित शाह को नाकाम बताया है।
दिल्ली में हुई हिंसा को उन्होंने इंटेलीजेंस की नाकामी को जिम्मेदार ठहराया था। रजनीकांत यहीं नहीं रुके उन्होंने कहा कि, अगर दिल्ली को संभाल नहीं सकते तो इस्तीफा दे दें।
रजनीकांत ने कहा कि यह हिंसा केंद्र सरकार के खुफिया विभाग की विफलता है। मैं केंद्र सरकार की कड़ी निंदा करता हूं। रजनीकांत ने मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि, अगर हिंसा की स्थिति नहीं संभलती है तो जो सत्ता पर काबिज हैं, उन्हें इस्तीफा देकर चले जाना चाहिए। यह इंटेलिजेंस की नाकामी है। इसलिए गृह मंत्री भी नाकाम हुए हैं। प्रदर्शन शांतिपूर्ण हो सकते हैं, लेकिन हिंसा नहीं होनी चाहिए। अगर हिंसा होती है तो उससे कठोरता से निपटना चाहिए।
रजनीकांत ने कहा कि, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दौरान इंटेलिजेंस को और सतर्क रहना चाहिए था। उन्होंने अपना काम ठीक से नहीं किया। हिंसा को सख्ती से खत्म कर दिया जाना चाहिए। हम उम्मीद करते हैं कि आगे से वे और सतर्क रहेंगे।
इंटेलिजेंस के फेल होने का मतलब है कि गृह मंत्रालय फेल हुआ है। अगर वे सख्ती से नहीं निपट नहीं सकते तो उन्हें इस्तीफा देकर चले जाना चाहिए। अब बहुत ज्यादा हो रहा है। रजनीकांत ने यह भी कहा कि विरोध प्रदर्शन को हिंसक नहीं होना चाहिए और उन्होंने अपने उस पुराने बयान को भी याद किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर सीएए मुस्लिमों को प्रभावित करता है तो वह मुस्लिमों के साथ खड़े हैं।
अभिनेता ने मीडिया के एक तबके द्वारा उनके संबंध भाजपा से जोड़े जाने पर भी दुख व्यक्त किया। बताते चलें कि पूर्वी दिल्ली के इलाकों में हुई हिंसा में अब तक 27 लोगों की मौत हो गई है और सैकड़ों लोग घायल हो गए हैं।