एसआरएन में लड़की की मृत्यु से सपा में रोष , ऋचा सिंह ने दी आंदोलन की चेतावनी

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Rage in SP over girl's death in SRN, Richa Singh warns of agitation

अवधनामा संवाददाता

प्रयागराज (Prayagraj) : स्वरूपरानी गैंग रेप केस पीड़िता ने आखिरआज अपनी अंतिम सांसे लेही ली वही हुआ जो इलाहाबाद के सीएमओ आईजी और इंस्पेक्टर कोतवाली चाहते थे।
बार बार कहने पर भी एफ आई आर न दर्ज करना, यहां तक कि जीडी में मामला दर्ज न करना, इस बात को प्रदर्शित करता है कि पुलिस प्रशासन और सीएमओ इलाहाबाद केस को रफा-दफा करने पर आमादा थे।
सीएमओ इलाहाबाद ने हर संभव कोशिश की एफ आई आर दर्ज ना होने पाए, इसके लिये गुमराह किया पुलिस को अवैधानिक रिपोर्ट द्वारा।
सवाल उठता है कि जब मामला जीडी में भी दर्ज नहीं था और लड़की की शिकायत पुलिस प्रशासन इलाहाबाद से थी तो बगैर जीडी में दर्ज किए पुलिस प्रशासन सीएमओ को मेडिकल कमेटी बनाने के लिए कह ही नहीं सकती थी, फिर कमेटी किस आदेश पर बनी यह बड़े संदेह को जन्म देता है।
इसके मतलब सीएमओ ने अपने आप मेडिकल कमेटी का निर्माण कर दिया साजिश के तहत फर्जी सबूत तैयार किया जिससे कि केस रफा-दफा हो सके।
जब एफ आई आर  नहीं तो लड़की की कोई भी मेडिकल रिपोर्ट,बयान सब विधि विधि विहीन है।
अब परिवार द्वारा आशंका जताई जा रही है कि साजिश के तहत सीएमओ इलाहाबाद और पुलिस प्रशासन ने मिलकर उसकी मृत्यु का इंतजार किया,  जिससे कि लड़की बयान न दे सके और मामले की सच्चाई सामने ना आ सके।
अब आवश्यकता है किस को रफा-दफा करने फर्जी सबूत तैयार करने और सबूतों के मिटाने के आरोप में सीएमओ इलाहाबाद के खिलाफ एफ आई आर दर्ज हो विधिक कार्यवाही हो और उन निलंबित कर दिया जाए। संबंधित पुलिस अधिकारी चिन्हित किए जाएं और यह तय हो कि एफ आई आर दर्ज न करने के पीछे कौन सी ताकतें काम कर रही थी
उन्हें चिन्हित किया जाए और उन्हें दंडित करने की कार्रवाई आगे बढ़ाई जाए।
इन्हीं मांगो को लेकर डॉ ऋचा सिंह और मंजू पाठक के नेतृत्व में तमाम महिलाओं ने डी.एम कार्यालय पर धरना दिया और ज़िम्मेदार सीएमओ, अस्पताल प्रशासन और पुलिस प्रशासन पर कार्यवाही की मांग की।

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