लखनऊ। राजधानी के यूपी प्रेस क्लब में वार्ता करते हुए बीआरओ से रिटायर्ड डायरेक्टर उदय शंकर श्रीवास्तव ने राहुल गांधी पर बड़ा आरोप लगाया है जिसके चलते कांग्रेस नेता राहुल गांधी को अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की कोर्ट ने तलब कर लिया है।
भूतपूर्व डायरेक्टर बीआरओ उदय शंकर श्रीवास्तव ने बताया कि 16 दिसम्बर 2022 को भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने अरुणाचल प्रदेश की सीमा पर भारतीय सेना और चीनी सेना के बीच हुई झड़प को लेकर विवादास्पद बयान दिया था जिससे भारत और भारतीय सेना का अपमान हुआ। राहुल गांधी ने हंसते हुए कहा था कि लोग चीनी सैनिकों द्वारा भारतीय सैनिकों की पिटाई के बारे में सवाल नहीं पूछेंगे। जबकि भारतीय सेना ने 12 दिसम्बर को ही आधिकारिक बयान जारी करके बता दिया था कि चीनी सेना भारत में अतिक्रमण कर रही थी जिसका हमारी सेना ने मुंह तोड़ जवाब दिया था। भूतपूर्व डायरेक्टर बीआरओ उदय शंकर श्रीवास्तव ने कहा कि एक तरफ तो भारतीय सेना ने अपने दमखम से चीनी सेना को खदेड़ा दूसरी तरफ राहुल गांधी जैसे नेता अपनी सेना का मनोबल बढ़ाने की जगह उसकी जग हंसाई करवा रहे हैं। राहुल गांधी के इस शर्मनाक बयान ने श्री श्रीवास्तव को सार्वजनिक रूप से आहत किया और उन्होंने अगस्त 2023 में राहुल गांधी पर वाद प्रस्तुत किया था। भूतपूर्व डायरेक्टर बीआरओ उदय शंकर श्रीवास्तव ने कहा कि इस मामले को लेकर उन्होंने न्यायालय में वाद प्रस्तुत किया था जिसमें अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट तृतीय (एमपी एमएलए कोर्ट) आलोक वर्मा ने कांग्रेसी सांसद तथा लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को अपना पक्ष रखने के लिए लखनऊ तलब किया है। मामले की अगली सुनवाई 24 मार्च को है जिसमें राहुल गांधी को आना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि देश में देशद्रोही इकोसिस्टम बनाम गवर्नमेंट सिस्टम बनाम राष्ट्रवादी लोग चल रहा है। राहुल गांधी चीनी सेना का मनोबल बढ़ाते हैं और भारतीय सेना को हतोत्साहित करते रहते हैं। उन्होंने बताया कि जब वह इस केस को लेकर कोर्ट जाते थे तब उन्हें डराने का भरपूर प्रयास किया जाता था। एक बार कोर्ट में अंदर जाते समय किसी अज्ञात व्यक्ति ने उनसे कहा कि इस मामले को आगे ना बढ़ाओं क्योंकि उनके कनेक्शन पाकिस्तान तक में है और इसके बाद उन्हें पाकिस्तानी नम्बर से फोन आने लगे। श्री श्रीवास्तव ने इस स्थिति के बारे में अपने परिवार को भी नहीं बताया और अकेले सामना करते रहे। भाजपा से मिलीभगत से इंकार करते हुए उन्होंने कहा कि राष्ट्रवादी लोगों को देशद्रोही इकोसिस्टम से लड़ना ही होगा। सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने चीनी सरकार से कौन सा समझौता कर रखा है इसका खुलासा होना ही चाहिए।
गौरतलब है कि राहुल गांधी अक्सर अपने विवादित बयानों को लेकर चर्चा में रहते हैं और न्यायालय उन्हें तलब करता रहता है लेकिन इस बार राहुल का पाला एक फौजी से पड़ गया है।





