अवधनामा ब्यूरो
नई दिल्ली. पुडुचेरी विधानसभा में फ्लोर टेस्ट में फेल होने के बाद मुख्यमंत्री वी. नारायणसामी ने उप राज्यपाल को इस्तीफ़ा सौंप दिया. विश्वासमत से पहले तक मुख्यमंत्री लगातार यह दावा कर रहे थे कि उनके पास विधानसभा में पूर्ण बहुमत है. विश्वासमत पेश करने से पहले उन्होंने तो पुडुचेरी को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग भी की. लेकिन उन्हें पता नहीं था कि कुछ ही देर के बाद उनकी सरकार ही गिर जाने वाली है.
पुडुचेरी में कांग्रेस सरकार का भविष्य तय करने के लिए ही एक दिन का विशेष सत्र बुलाया गया था. सत्र में उप राज्यपाल तमिलिसाई सौंदरराजन ने मुख्यमंत्री वी. नारायणसामी को विधानसभा में बहुमत साबित करने का निर्देश दिया. मुख्यमंत्री ने सदन में विश्वासमत पेश किया. संख्याबल कम होने की वजह से विश्वासमत के दौरान वह बहुमत साबित नहीं कर पाए और उन्हें इस्तीफ़ा देना पड़ा.
इस्तीफ़ा देने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री वी. नारायणसामी ने केन्द्र सरकार और पूर्व उप राज्यपाल किरण बेदी पर सरकार गिराने का आरोप लगाया.
दरअसल रविवार को द्रमुक के विधायक वेंकटेश्वर और कांग्रेस विधायक के. लक्ष्मीनारायण के इस्तीफ़ा देने के बाद 33 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस-द्रमुक विधायकों की संख्या घटकर 11 रह गई थी. विपक्ष के पास 14 विधायक होने की वजह से सदन में नारायणसामी बहुमत साबित करने में फेल हो गए. कांग्रेस के चार विधायकों ने पहले ही इस्तीफ़ा दे दिया था. इस्तीफ़ा देने वाले ए.जॉन कुमार को तो मुख्यमंत्री का काफी करीबी माना जाता है. पूर्व मंत्री ए. नाम्सिवायम इस्तीफ़ा देकर बीजेपी में चले गए थे.
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इस्तीफ़ा देने के बाद नारायणसामी ने कहा कि विधायकों को अपनी पार्टी के लिए ईमानदार रहना चाहिए. अब लोग उन्हें मौकापरस्त कहेंगे. वह लोगों की निगाहों का सामना नहीं कर पायेंगे. उन्होंने कहा कि तमिलनाडु और पुडुचेरी में हम दो भाषाओं का इस्तेमाल करते रहे हैं लेकिन बीजेपी यहाँ जबरन हिन्दी थोपना चाहती है.