अपने आचरण एवं व्यवहार में बदलाव लायें बंदीः कारागार मंत्री

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अवधनामा संवाददाता
 

मण्डल कारागार में हुआ योग शिविर का आयोजन

बांदा। अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर आज मण्डल कारागार में राज्यमंत्री, स्वतंत्र प्रभार, कारागार एवं होमगार्ड विभाग उ0प्र0 सरकार धर्मवीर प्रजापति ने करागार में आयोजित बन्दियों के योग शिविर कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्जवलित कर किया। उन्होंने योग कार्यक्रम में बन्दियों के साथ स्वयं भी जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ योगाभ्यास किया। इसके उपरान्त उन्होंने बन्दियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि जेल में 40 वर्ष आयु से नीचे के बन्दियों की संख्या काफी अधिक है। उन्होंने कहा कि इस पर गहन मंथन करने की आवश्यकता है। उन्होंने बन्दियों से संवाद करते हुए कहा कि वह अपनी संगत ठीक रखें और अपनी संगत को सुधारें तथा अपने आचरण एवं व्यवहार में बदलाव लायें। बन्दियों से संवाद के दौरान मंत्री जी के विचारों को सुनकर एवं उनके घर परिवार के बारे में उनसे पूंछने पर अपने घर व परिवार वालों की याद करते हुए बन्दी भावुक हो गये। उन्होंने कहा कि बन्दियों के जेल में आने से उनके माता/पिता व अन्य परिवारिक लोंगो को अपमानित होना पडता है, ऐसा कोई कार्य यहां से निकलने के बाद न करें, जिससे उन्हें कभी जेल जाना पडे। उन्होंने कहा कि बन्दी जो जेल में किसी कारण से आये हैं, उनके माता/पिता व परिवार के लोग कष्ट के साथ एकाकी जीवन बिता रहे हैं, यह अच्छी बात नही है। उन्होंने कहा कि बन्दी अपने घर परिवार को हमेशा ध्यान में रखते हुए अपनी सोंच में बदलाव लायें।
उन्होंने सभी बन्दियों को संकल्प दिलाया कि वह जितने भी दिन जेल में रहें, सकारात्मक सोंच के साथ पिछली घटनाओं को याद न करते हुए अच्छे कार्य करें व उनकी मनोदसा में बदलाव आयें। उन्होंने कहा कि जेल में निरूद्ध बन्दी अपराधियों से दूरी बनाये रखें व उनकी किसी बात को न अपनायें, जिससे वह किसी अपराध में लिप्त हो सकते हैं। उन्होंने बन्दियों से कहा कि खाली समय में गायत्री मंत्र एवं योगाभ्यास करें, जिससे उनका मन व चित्त शांत रहेगा। उन्होंने कहा कि बन्दियों को जेल के अन्दर कौशल विकास कार्यक्रम से जोडकर उन्हें कौशल विकास हेतु प्रशिक्षण दिलाने की व्यवस्था जेलों में की गयी है, जिससे कि जेल में रहने के समय का सदुपयोग कर वे कुछ सीख सकें। उन्होंने कहा कि बन्दियों को भोजन, पेयजल व अन्य किसी र्प्रकार की समस्या हो तो निरीक्षण के दौरान आने वाले जेल एवं प्रशासन के अधिकारियों को अवश्य अवगत करायें, जिससे कि उनकी समस्याओं का निदान किया जा सके। उन्होंने कहा कि जो बन्दी पेशेवर अपराधी नही हैं और किसी अपराध व अन्य कारणों से जेल में निरूद्ध हैं, उनके प्रति मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए जेल नियमों के अनुसार कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने जेल अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि बन्दियों का कारागार में उत्पीडन नही होना चाहिए, इसका विशेष ध्यान रखा जाए। उन्होंने बताया कि 136 बन्दियों को जिनकी सजा का समय पूरा हो चुका था उनसे 9.5 लाख रूपये की धनराशि जुर्माने में जमा कराकर छोडा गया है, इसी तरह अब तक लगभग 500 बन्दियों को छोडा गया है।
मंत्री इसके उपरान्त बन्दियों को कम्प्यूटर से प्रशिक्षण दिलाये जाने हेतु जिला कारागार में 15 कम्प्यूटरों एवं उनके सभी उपकरणों से सुसज्जित कम्प्यूटर कक्ष का फीता काटकर उद्घाटन किया, जिससे कि बन्दियों को कम्प्यूटर का प्रशिक्षण भी दिलाया जा सके।
इस अवसर पर जिलाधिकरी श्रीमती दुर्गा शक्ति नागपाल ने बन्दियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि युवाओं को कैसे अपने जीवन की अच्छी राह पर चलना है, इसके लिए विचार करना होगा। उन्होंने कहा कि बन्दी सकारात्मक विचारों के साथ कुछ सीखकर यहां से जायें। उन्होंने कहा कि बन्दियों ने आज बहुत ही बेहतर तरीके से योगाभ्यास किया है, इससे उनका मन, मष्तिस्क और शारीरिक फिटनेस रखने में सहयोग मिलेगा। उन्होंने कहा कि अपनी कार्यशैली व जीवनशैली में सीखने की चेष्टा सदैव रखें और सीखने का प्रयास करें, जिससे उनका आगे समय बेहतर होगा। उन्होंने कहा कि यदि किसी बन्दी को किसी प्रकार की परेशानी हो तो वह जिला प्रशासन को अवश्य अवगत करायें। योगाभ्यास कार्यक्रम में योगाचार श्री भरत लाल द्वारा योग कार्यक्रम सम्पन्न कराया गया।
योग कार्यक्रम में पुलिस अधीक्षक अभिनंदन, एडीजे/सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्रीमती अन्जू काम्बोज, सीजेएम सुश्री वरूणा वशिष्ट, सिविल जज जूनियर डिवीजन सुश्री चारू कैन, नगर मजिस्ट्रेट राजेश कुमार, अपर पुलिस अधीक्षक लक्ष्मी निवास मिश्रा, वरिष्ठ जेल अधीक्षक वीरेश राज शर्मा, जेल अधीक्षक के0पी0 चन्देला सहित बम्हकुमारी ईश्वरी देवी से वी0के शालनी, वी0के0गीता उपस्थित रही।

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