लखनऊ। (Lucknow) प्रदेश में 2 किलोवाट तक के अस्थायी संयोजन के मामलो में समयाविधि पूरी होने पर उसे बिजली चोरी में बुक करने के मामले में पहली बार पावर कार्पोरेशन के एक मुख्य अभियंता का साहसिक प्रस्ताव उपभोक्ता परिषद् ने सराहा कहा इसे लागु कराने के लिए पावर कार्पोरेशन प्रबंधन से करेंगे बात जरूरी हुवा तो आयोग में प्रस्ताव देकर कानून में काराएंगे।
संशोधन उपभोक्ता परिषद् ने कहा पहली बार पॉवरकॉर्पोरशन के किसी मुख्य अभियंता ने उपभोक्ता हित में रखा पक्ष उपभोक्ता परिषद् ने की तारीफ प्रदेश के उपभोक्ताओ की आज एक ऐसी समस्या पर मुख्य अभियंता लेसा मधुकरवर्मा ने एक ऐसा मुद्दा उठया जो सही मायने में एक बहुत ही सराहनीय प्रयास है जिसकी जितनी भी तारीफ की जाय कम है।
वास्तव में उपभोक्ताओ की व्यथा को पहली बार पावर कार्पोरेशन के किसी अभियंता ने स्वीकार किया मुख्यअभियंता लेसा ने अपने उच्चाधिकारियो को एक पत्र लिखा और सुझाव दिया की 2 किलोवाट तक के अस्थायी संयोजन लेने वाले उपभोक्ता जिस समयाविधि के लिए अस्थायी संयोजन लेते है ज्यादातर मामलो में उस समयाविधि में वह अपने परिषर में निर्माण कार्य नहीं करा पाते और अंतिम तिथि के आगे भी उनका काम चलता रहता है न ही विभागीय कार्मिको और न ही उपभोक्ता को पता रहता उनकी अंतिम तिथि समाप्त हो गयी है । ऐसे 2 किलोवाट तक के मामलो में विभाग द्वारा भी उपभोक्ताओ को समय से नहीं बताया जाता की आपके अस्थायी संयोजन की अवधि समाप्त हो गयी है और न ही उनका संयोजन ही विछेदित किया जाता और फिर ऐसे मामलो में बिजली चोरी मानकर उन्हे परेशान किया जाता उपभोक्ता कभी पुलिस थाना कभी विभाग का चक्कर काटते और ऐसे उपभोक्ताओ को बिजली चोरी में बुक कर दिया जाता और बड़ी पेनाल्टी लगा दी जाती आगे मुख्यभियन्ता ने यह भी लिखा की यह भरस्टाचार और भयादोहन का कारण बनता और उपभोक्ता बनने के पहले ऐसे उपभोक्ताओ के मन में विभाग के खिलाफ खराब अवधरणा पनपती है मुख्यअभियंता लेसा ने ऐसे मामलो में बिलिंग पर अपने उच्चाधिकारियो से सहानुभूति पूर्वक विचार करने की मांग की है।
उ0 प्र0 राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा ने कहा मुख्य अभियंता लेसा ने जो सराहनीय पहल की है वह पूरे प्रदेश का मामला है जल्द ही उपभोक्ता परिषद् इस पूरे मामले पर प्रबंधन व विद्युत नियामक आयोग से बात कर उपभोक्ता हित में निर्णय कराएगा उपभोक्ता परिषद् विद्युत नियामक आयोग में जल्द ही एक जनहित प्रत्यावेदन दाखिल कर यह सुलभ व्यवस्था बनवाएगा की 2 किलोवाट तक के अस्थायी संयोजन के मामलो में स्वता अस्थायी संयोजन को विस्तारित कर उसी अस्थयी बिलिंग की दर पर ही बिल निर्गत माना जाय की वयवस्था लागु कराएगा वैसे इस मामले पर पावर कार्पोरेशन प्रबंधन भी निर्णय ले सकता है लेकिन कही कोई विधिक अड़चन न आये यदि पावर कार्पोरेशन आयोग को प्रस्ताव भेजता है तो उपभोक्ता परिषद् उसका पूरा समर्थन करेगा और इस साहसिक प्रस्ताव को लागु कराएगा जिससे उपभोक्ताओ का उत्पीड़न न हो ।