पोर्नस्टार और पूर्व राष्ट्रपति ट्रम्प

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एस. एन. वर्मा

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प बेहद रंगीन मिजाज के आदमी है। यह बात उनकी पुत्री ने भी एक किताब में स्वीकारा है। विवादों में रहना उनकी आदत है। अमेरिका में राष्ट्रपति का चुनाव होने वाला है, रिपब्लिकन उम्मीदवार के रूप में ट्रम्प सशक्त उम्मीदवारी दिखा रहे है। पर मैनहटन के जूरी अमेरिकी नागरिकों का समूह होता है। इसमें तय किया जाता है कि आरोप लगाया जाने लायक सबूत है या नहीं। निर्णय बहुमत के आधार पर होता है। इसी जूरी ने ट्रम्प पर मुकदमा चलाने का फैसला किया है। अमेरिकी इतिहास में पहली बार किसी पूर्व राष्ट्रपति पर अपराधिक केस दर्ज हुआ है।
2018 में अमेरिकी अखबार में छपे लेख में दावा किया था कि ट्रम्प के तत्कालीन वकील माइकल कोहन ने राष्ट्रपति चुनाव के पहले पोर्नस्टार को 1.30 लाख डालर दिया था कि पोर्नस्टार साथ अफेयर पर खामोशी रक्खेगी। यह भुक्तान अवैध नहीं था पर वकील कोहेन के जरिये इसे कानूनी फीस के रूप में दर्ज किया गया। पोर्नस्टार ने भी स्वीकारा है कि एक गोल्फ प्रतियोगिता के दौरान ट्रम्प ने उस अपने होटल बुलाया था। और उसे टीवी स्टार बनाने का लालच देकर उसके साथ सेक्सुअल सम्बन्ध बनाये। चूकि वकील ने डालर को अपने फीस के रूप में दर्ज किया इसलिये दस्तावेज के हेराफेरी का ममला बनता है। जो वहां के कानून के अनुसार अपराधिक कृत्य है। अमेरिकी लोकतन्त्र की खूबी है कि सत्ता के शीर्ष पर भी रहने वाले व्यक्ति भी जांच की आंच से नहीं बच सकता।
ट्रम्प इसे इतिहास का सबसे उच्चस्तर का राजनीतिक उत्पीड़न और चुनावी दखल बताया। अपने समर्थकों को इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन के लिये कहा यह बता दे कि ट्रम्प के उस वकील को जिसमें पोर्नस्टर को डालर देकर दस्तावेजों में हेरीफेरी की थी उसे सजा भी हुई थी। ट्रम्प के लिये परेशानी यह है कि सज़ाआफ्ता वकील कोहन की गवाही और दूसरे सबूतों के आधार पर ट्रम्प के अब शिकंजे में लाने की तैयारी चल रही है। अब केस इस तरह बनता है कि 2006 में पोर्नस्टर के साथ रहे यौन सम्बन्ध छिपाने के लिये 2016 के राष्ट्रपति चुनाव के दौरान पोर्नस्टर को डालर दिये थे। ट्रम्प के ऊपर दूसरे आरोप भी लगे हुये है। 2020 में राष्ट्रपति चुनाव में बाइडन की जीत को रोकने के लिये और संवेदनशील दस्तावेज अपने पास रखने के लिये दो अलग अलग अपराधिक मामलों में ट्रम्प के खिलाफ जार्जिया और वाशिंगटन डीसी में भी जांच चल रही है।
गम्भीर अपराधों में गिरफ्तारी के बाद आरोप तय होते है। इस केस में अपराध पहले ही तय हो गया है वह चाहे तो सरेन्डर कर सकते है, उन्हें गिरफ्तार भी किया जा सकता है। पर हथकड़ी नहीं लगेगी। पेश होने पर बताया जायेगा कि क्या आरोप लगा है और किस तरह कानून तोड़ा है। रिकार्ड के लिये अगंुलियों की छाप और फोटो ली जायेगी। इसके बाद उन्हें तुरन्त छोड़ा जा सकता है क्योंकि अपराध हिंसक नहीं है। ट्रम्प अपने को निर्दोष बता रहे है। डेमेक्रट विचहन्ट में लगे है। समर्थकों से कानूनी लड़ाई लड़ने के लिये पैसे मुहैया कराने की अपील की है। जबकि ट्रम्प दुनियां के शीर्ष घानाटयों में है।
केस चलने तक या आरोप सिद्ध होने तक चुनाव के लिये प्रचार कर सकते है। पद के लिये खड़े होने में कोई कानूनी अड़चन नहीं है। पर क्या उनकी पार्टी उनके केस को देखते हुये उन्हें अपना उम्मीदवार बनायेगी। अगर वह चुनाव जीत भी जाते है तो संवैधानिक सवाल उठेगा कोर्ट उन्हें पद संभालने से रोक सकती है या नहीं।
अपने राष्ट्रपति काल में ट्रम्प ने अपने सनकी और दुराग्रह स्वभाव का परिचय दिया था उसे देखते हुये इस घटना को लेकर भी हिंसक प्रक्रिया सामने आ सकती है। ट्रम्प को अपने धनी होने का बड़ा गर्व है। वह उसका प्रदर्शन अमर्यादित व्योहार से करते रहते है। उन्हें गलतफहमी है कि अमेरिकी सुन्दरियां और दूनिया उनके इस व्योहार को पसन्द करती है। इसलिये अपने यहां की सुन्दरियों को यह कह कर प्रस्तावित करते रहते है कि तुम्हारी सुन्दरता और हमारे जैसे पैसे वाले की जोड़ी लोगो को खूब पसन्द आयेगी लोग सराहेगे। अमेरिका जैसे खुले समाज में यह अजूबा नही है। खास कर वहां के राष्ट्रपतियों के लिये। याद होगा बिलक्लिन्टन को व्हाइट हाउस में इंन्टर्न मोनिका लेवस्की के साथ सेक्सुअल सम्बन्ध बनाने के लिये महाअभियोग से रूबरू होना पड़ा था। पूर्व राष्ट्रपति एडवर्ड केनेडी की बाते मीडिया में आई थी आफिस के सेकरेटरी अपने सहयोगी के साथ पोर्न ऐक्शन करने को कहा था। सब जानते है ट्रम्प चुनाव लड़े या न लड़े गम्भीर अपराधी नहीं बनेगे।

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