मोहर्रम से पहले पुराने लखनऊ में अमन पसंद लोगो के साथ बैठे पुलिस अफसर

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अवधनामा संवाददाता 

कुरैश वेलफेयर फाउंडेशन ने किया पुलिस अफसरों को सम्मानित
लखनऊ ।  मोहर्रम के शुरू होने से पहले पुलिस के आला अफसरों ने पुराने लखनऊ में अमन पसंद लोगों के साथ मीटिंगो का दौर शुरू कर दिया । इसी क्रम में आज पुराने लखनऊ के बिलोचपुरा में स्थित एक मैरिज हाल में कुरैश वेलफेयर फाउंडेशन की तरफ से मीटिंग का आयोजन किया गया जिसमें डीसीपी पश्चिम एस चिनप्पा, एडीसीपी पश्चिम चिरंजीवी नाथ सिन्हा, इंस्पेक्टर बाजार खाला इंस्पेक्टर चौक, इंस्पेक्टर सआदतगंज के अलावा बुजुर्ग समाजसेवी मोहम्मद अहमद अदीब के साथ ही कुरैश वेलफेयर फाउंडेशन के अध्यक्ष शहाबुद्दीन कुरेशी ने शिरकत की । मैरिज हॉल में आयोजित मीटिंग में आए डीसीपी और एडीसीपी को फूलों का गुलदस्ता देकर और अंग वस्त्र पहनाकर सम्मानित करते हुए ईद उल अजहा के त्यौहार में पुलिस के द्वारा की गई सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था के लिए बधाई भी दी।  मीटिंग का संचालन हाजी मोहम्मद कलीम ने किया और इस कार्यक्रम में आल इंडिया सुन्नी बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना मुशताक नदवी ने भी शिरकत की। मीटिंग में पुलिस अफसरों को समाजसेवियों ने ये विश्वास दिलाया कि पूर्व की तरह मोहर्रम चेल्लुम और 12 रबी उल अव्वल के सभी जुलूसों को शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न कराने के लिए हर मुमकिन कोशिश की जाएगी।
क्रोध की उम्र बहुत छोटी होती है:  एडीसीपी पश्चिम
मोहर्रम शुरू होने के पहले बिलोचपुरा में सुन्नी समुदाय के लोगों के साथ मीटिंग में बोलते हुए एडीसीपी पश्चिम चिरंजीवी नाथ सिन्हा ने कहा कि बकरीद और मुहर्रम कुर्बानी की याद दिलाते है उन्होंने कहा कि हजरत इब्राहिम अलैहिस्सलाम जब अल्लाह के हुक्म पर अपने बेटे की कुर्बानी दे सकते हैं तो हम लोग पल भर के लिए आने वाले क्रोध की कुर्बानी क्यों नहीं दे सकते है। उन्होंने कहा कि क्रोध की उम्र बहुत छोटी होती है और अगर क्रोध के समय हम अपने आप पर काबू कर ले तो कहीं भी अशांति नहीं फैल सकती है उन्होंने कहा कि वो साल 2006 से पुराने लखनऊ को जानते हैं और यहां के लोग अमन पसंद लोग हैं उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि जिस तरह से सभी त्योहार शांतिपूर्ण माहौल में सकुशल संपन्न हुए हैं उसी तरह से जनता के सहयोग से मोहर्रम चेहल्लुम और 12 रवि उल अव्वल के सभी जुलूस और सभी कार्यक्रम शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न होंगे।
डीसीपी एस चिनप्पा ने  सहयोग के लिए जनता का किया धन्यवाद
मोहर्रम से पूर्व सुन्नी समुदाय के लोगों के साथ बिलोचपुरा में आयोजित की गई मीटिंग में बोलते हुए डीसीपी पश्चिम एस चिनप्पा ने कहा कि वो त्योहारों में शांति व्यवस्था कायम करने के लिए किए गए जनता के सहयोग का आभार प्रकट करते हैं । उन्होंने कहा कि जिस तरह से पूर्व में जनता ने अपनी जिम्मेदारी को निभाया है उन्हें उम्मीद है कि उसी तरह से जनता आगामी मोहर्रम चेहल्लुम और 12 रबी उल अव्वल के कुलूसों और कार्यक्रमों में भी निभाएंगे उन्होंने क्षेत्र के जिम्मेदार लोगों से कहा कि वो अपने क्षेत्र के युवाओं को समझाएं की सोशल मीडिया का इस्तेमाल बहुत ही सोंच समझ के साथ करें यदि सोशल मीडिया पर कोई ऐसा वीडियो या फोटो आता है जो अशांति फैलाने की आशंका वाला हो उसे कतई वायरल न करें और उस वीडियो के संबंध में पुलिस के अफसरों से संपर्क करें । उन्होंने कहा कि आज के समय में उपद्रवियों और दंगा कराने की साजिश रचने वालों की पहचान करना मुश्किल काम नहीं है पुलिस के पास तमाम ऐसे संसाधन है जो ऐसे लोगों को चिन्हित करने में कारगर साबित होते हैं इसलिए लोगों से अपील है कि कोई भी व्यक्ति इस तरह की किसी भी गतिविधि में सम्मिलित न हो जिसके लिए उसे कार्रवाई का दंश झेलना पड़े और उसके परिवार को परेशान होना पड़े।
मौलाना मुश्ताक ने बताई 10 तारीख की अहमियत
मोहर्रम से पहले पुराने लखनऊ के बिलोचपुरा में पुलिस के अफसरों के साथ आयोजित की गई मीटिंग में बोलते हुए ऑल इंडिया सुन्नी बोर्ड के अध्यक्ष कारी मुस्ताक नदवी ने कहा कि ईद उल अजहा की 10 तारीख और मोहर्रम की 10 तारीख बहुत अहम है क्योंकि ईद उल अज़हा की 10 तारीख को हजरत इब्राहिम अलैहिस्सलाम ने अल्लाह के हुक्म पर अपने बेटे की कुर्बानी पेश की थी और मोहर्रम की 10 तारीख को मजहबे इस्लाम के लिए पैगंबर हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के नवासे हजरत इमाम हुसैन ने अपने साथियों के साथ शहादत दी थी।
निरोधात्मक कार्यवाही से पहले जिम्मेदारों से करले बात :  हाजी कलीम
पुलिस अफसरों के साथ आयोजित की गई मीटिंग का संचालन कर रहे हैं वरिष्ठ समाजसेवी हाजी कलीम खान ने कहा कि जब से एडीसीपी चिरंजीवी नाथ सिन्हा ने पुरानी लखनऊ की जिम्मेदारी संभाली और शिया सुन्नी समुदाय के लोगों के साथ मीटिंगो का दौर शुरू किया स तब से त्योहारों से पहले पुलिस के द्वारा क्षेत्रीय लोगों के खिलाफ की जाने वाली है निरोधात्मक कार्रवाई 107/116 की संख्या में बहुत कमी आई । उन्होंने कहा कि पिछले 16 सालों में यह कार्यवाही लगभग शून्य की तरफ बढ़ रही है उन्होंने अधिकारियों खासकर इस्पेक्टर बाजार खाला को संबोधित करते हुए कहा कि अक्सर देखा जाता है कि 107/116 की कार्यवाही की जद में वो बुजुर्ग भी आ जाते हैं जो न किसी दंगे में शामिल होते हैं और न ही उनका इस तरह का कोई रिकॉर्ड होता है उन्होंने कहा कि किसी भी शरीफ व्यक्ति के खिलाफ निरोधात्मक कार्यवाही न होने पाए इसके लिए 107/ 116 की कार्यवाही करने से पहले वो उनसे या इलाके के कुछ जिम्मेदार लोगों से राय मशवरा जरूर कर लें।
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