पहले दिन ग्रीन ग्रोथ के मुद्दे पर चर्चा हुई, 11 मार्च तक चलेगा कार्यक्रम
बजट पर वेबिनार में बोले पीएम मोदी- ग्रीन ग्रोथ पर हमारे काम भावी पीढ़ी के उज्ज्वल भविष्य का शिलान्यास
नई दिल्ली। बजट के बाद हरित विकास पर पीएम नरेंद्र मोदी ने पहले वेबिनार को संबोधित किया। अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि भारत में 2014 के बाद से जितने भी बजट आए हैं उनमें एक ही पैटर्न रहा। उसमें वर्तमान परिस्थिति के साथ चुनौतियों के समाधान को केंद्र में रखते हुए न्यू ऐज रिफार्म को आगे बढ़ाया गया और ग्रीन ग्रोथ को ध्यान में रखा गया।
पीएम ने कहा कि हरित विकास की दिशा में कई निर्णय लिए गए हैं जिनमें इथेनॉल सम्मिश्रण, पीएम कुसुम योजना, सौर निर्माण को प्रोत्साहन, रूफटॉप सौर योजना, कोयला गैसीकरण, ईवी बैटरी भंडारण शामिल हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 2014 के बाद से भारत में जितने बजट आए हैं उनमें एक पैटर्न रहा है। पैटर्न ये है कि हमारी सरकार का हर बजट वर्तमान चुनौतियों के समाधान के साथ ही नए युग के सुधार को आगे बढ़ाता रहा है।
उन्होंने आगे कहा कि यह बजट भारत को ग्लोबल ग्रीन एनर्जी मार्केट में एक लीड प्लेयर के रूप में स्थापित करने में भी एक बड़ी भूमिका निभाएगा।
पीएम मोदी ने कहा कि हमारी सरकार का ट्रैक रिकॉर्ड रहा है कि भारत अपने लक्ष्यों को समय से पहले हासिल कर रहा है। उन्होंने कहा कि पावर कैपेसिटी बिजली क्षमता में हमने 40 त्न नॉन फॉसिल फ्यूल में 9 साल आगे का लक्ष्य हासिल किया है। इसी के साथ प्रधानमंत्री ने कहा कि ग्रीन ग्रोथ और एनर्जी ट्रांजिशन के लिए भारत की रणनीति के तीन स्तंभ हैं-
उन्होंने कहा कि इसी रणनीति के तहत एथेनॉल ब्लेंडिंग हो, पीएम कुसुम योजना हो सोलर मैन्युफैक्चरिंग के लिए इंसेंटिव देना हो, रूफटॉप सोलर स्कीम हो, कोल गैसीफिकेशन हो, बैटरी स्टोरेज हो।
भारत ग्रीन एनर्जी से जुड़ी टेक्नॉलॉजी में दुनिया में लीड ले सकता है। यह भारत में ग्रीन जॉब्स को बढ़ाने के साथ-साथ ग्लोबल गुड में भी बहुत मदद करेगा। यह बजट आपके लिए एक अवसर तो है ही, इसमें आपके सुरक्षित भविष्य की गारंटी भी समाहित है।
मैं आज एनर्जी वल्र्ड से जुड़े हर स्टॉक होल्डर को भारत में निवेश के लिए आमंत्रित करता हूं। भारत रिन्यूएबल एनर्जी सोर्स में जितना कमांडिंग पोजिशन में होगा उतना ही बड़ा बदलाव वो विश्व में ला सकता है।
भारत में गोबर से 10 हजार मिलियन क्यूबिक मीटर बायो गैस के उत्पादन की संभावना है। इन्हीं संभावनाओं की वजह से आज गोबर धन योजना भारत की बायो फ्यूल रणनीति का एक अहम अंग है। इसीलिए हमने इस बजट में 500 नए गोबर गैस प्लांट लगाने की घोषणा की है।
हमारी सरकार जिस तरह बायो फ्यूल पर जोर दे रही है। वो सभी निवेशकों के लिए बड़े अवसर लेकर आया है। हमारे देश में एग्री-वेस्ट की कमी नहीं है, ऐसे में देश के कोने-कोने में एथनॉल प्लांट की स्थापना के मौके को निवेशकों को छोडऩा नहीं चाहिए।
भारत की व्हीकल स्क्रैपिंग पॉलिसी और ग्रीन ग्रोथ रणनीति का एक अहम हिस्सा है। व्हीकल स्क्रैपिंग को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने इस बजट में 3 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। आने वाले कुछ समय में केंद्र और राज्य सरकार की 3 लाख से अधिक गाडिय़ों को स्क्रैप किया जाना है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में 2023-24 का केंद्रीय बजट पेश करने के दौरान सात आधार बताए थे। इन्हें सप्तर्षि कहा गया। सप्तर्षि में समावेशी विकास, वंचितों को वरीयता, बुनियादी ढांचे और निवेश, क्षमता विस्तार, ग्रीन ग्रेाथ, युवा शक्ति, और वित्तीय क्षेत्र शामिल है।
केंद्रीय बजट 2023-24 के अनुसार ग्रीन ग्रेाथ देश में हरित औद्योगिक और आर्थिक परिवर्तन, पर्यावरण के अनुकूल कृषि तथा सतत ऊर्जा से जुड़ा है। कहा जा रहा है कि इससे बड़ी संख्या में हरित रोजगार के मौके मिलेंगे।
बजट में अलग-अलग क्षेत्रों और मंत्रालयों के लिए कई परियोजनाओं और पहलों की परिकल्पना की गई है। इनमें ग्रीन हाइड्रोजन मिशन, ऊर्जा परिवर्तन, ऊर्जा भंडारण परियोजनाएं, ग्रीन क्रेडिट कार्यक्रम, पीएम प्रणाम, गोबर्धन योजना, भारतीय प्राकृतिक खेती बायो-इनपुट संसाधन केन्?द्र, मिष्टी और अमृत धरोहर शामिल हैं।
भारत अपने लक्ष्यों को समय से पहले हासिल कर रहा
पीएम मोदी ने कहा कि हमारी सरकार का ट्रैक रिकॉर्ड रहा है कि भारत अपने लक्ष्यों को समय से पहले हासिल कर रहा है। उन्होंने कहा कि स्थापित बिजली क्षमता में हमने 40 फीसद गैर-जीवाश्म ईंधन में 9 साल आगे का लक्ष्य हासिल किया है। पीएम ने इसी के साथ कहा कि हरित विकास और ऊर्जा परिवर्तन के लिए भारत की रणनीति के तीन स्तंभ हैं-
ग्रीन ग्रोथ पर बजट भावी पीढ़ी पर केंद्रित
पीएम ने इसी के साथ कहा कि इस साल के बजट में भी इंडस्ट्री के लिए ग्रीन क्रेडिट हैं तो किसानों के लिए पीएम-प्रणाम योजना है। मोदी ने कहा कि ग्रीन ग्रोथ को लेकर इस साल के बजट में जो प्रावधान किए गए हैं वो एक तरह से हमारी भावी पीढ़ी के उज्ज्वल भविष्य का शिलान्यास है।