पीएम और सीएम इंटर्नशिप प्रोग्राम के माध्यम से साढ़े सात लाख युवाओं को देंगे नौकरी: सीएम योगी

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अंतरराष्ट्रीय एमएसएमई दिवस पर 20 हजार करोड़ का लोन बांटा:सीएम योगी ने प्रयागराज में गोबर बायोगैस प्लांट का लोकार्पण किया, लखनऊ में पैकेजिंग संस्थान खुलेगा

लखनऊ। लखनऊ में आज अंतरराष्ट्रीय एमएसएमई दिवस का आयोजन लोक भवन में किया गया। सीएम योगी और एमएसएमई मिनिस्टर राकेश सचान ने 3 लाख 41 हजार 538 लाभार्थियों में 20 हजार करोड़ का लोन बांटा। यूपी के सभी जनपदों में इस दिवस का आयोजन किया गया। सभी जनपद में लाभार्थियों को चेक वितरण कर लोन दिया गया। प्रयागराज के मंदरी भगवत में गोबर बायोगैस प्लांट का लोकार्पण भी लखनऊ से वर्चुअल किया। ऐलान हुआ कि लखनऊ में भी एक पैकेजिंग संस्थान खोला जाएगा, जिससे कि छोटे उद्यमियों की पैकेजिंग की समस्या को अच्छा दाम मिल सके।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री इंटर्नशिप प्रोग्राम चल रहे हैं। पीएम और सीएम इंटर्नशिप प्रोग्राम के माध्यम से हम साढ़े सात लाख युवाओं को नौकरी देंगे। इसके लिए हमारे उद्यमियों को आगे आना होगा। उन्होंने कहा कि एमएसएमई विभाग पूर्वांचल, बुंदेलखंड और गंगा एक्सप्रेस-वे पर जमीन चिन्हित कर एमएसएमई क्लस्टर विकसित करें। साथ ही लखनऊ, वाराणसी और आगरा में यूनिटी मॉल बनाने की कार्रवाई को आगे बढ़ाएं। वहां पर अच्छे गेस्ट हाउस और हॉस्टल बनाया जाए। एमएसएमई सेक्टर के उद्यमियों को उनकी आवश्यकता के अनुसार सुविधा उपलब्ध कराई जाए।
सीएम योगी ने कहा कि एक समय ऐसा था कि यूपी का एमएसएमई सेक्टर दम तोड़ रहा था। सरकार की तरफ से सहयोग न मिलने से इस सेक्टर के उद्यमी हताश और निराश हो चुके थे। वहीं विगत छह वर्ष में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा से हमारी सरकार ने लगभग 96 लाख एमएसएमई इकाइयां चल रही हैं। ये इकाइयां करोड़ों लोगों के जीवन का आधार हैं। उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य है जिसने एमएसएमई सेक्टर को जीवित रखने के लिए एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) की योजना चलाई, जो देश के अंदर एक ब्रांड बन चुकी है। आज देश में जब भी एमएसएमई और ओडीओपी की बात होती है तो लोगों की जुबान पर सबसे पहले उत्तर प्रदेश का नाम आता है।
52 उत्पादों के लिए जीआई टैग प्राप्त करने वाला उत्तर प्रदेश देश के अग्रणी राज्यों में है। अकेले वाराणसी के 23 उत्पादों को जीआई टैग मिल चुका है। हमारे पास 75 जनपद हैं, आने वाले समय उत्तर प्रदेश के कई अन्य उत्पादों को जीआई टैग मिलेगा। वो दिन दूर नहीं है जब उत्तर प्रदेश के परंपरागत उत्पादों का डंका देश और दुनिया में बजेगा।
कार्यक्रम में सीएम योगी ने प्रयागराज के ग्राम मंदर देह माफी (मंदरी) भगवत में गोबर बायोगैस प्लांट और ग्राम गांजा में ऊनी धागा उत्पादन केन्द्र का लोकार्पण किया। साथ ही उन्होंने एमएसएमई के 14 उद्यमियों को राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत अनुदान राशि वितरित की। इसके अलावा कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश शासन और भारतीय पैकेजिंग संस्थान (आईआईपी) के बीच एमओयू का आदान प्रदान किया गया।
यूपी के नाम 52 जीआई टैग, इनमें 23 वाराणसी में: योगी
सीएम योगी ने कहा, उत्तर प्रदेश एक मात्र राज्य है जिसने वन डिस्ट्रिक वन प्रोडक्ट कार्यक्रम चलाया। आज देश में यह एक उदाहरण बन गया है। उत्तर प्रदेश अकेला राज्य है जिसे 52 जीआई टैग प्राप्त है। अकेले वाराणसी में ही 23 जीआई टैग प्राप्त है। वहां के रग-रग में हुनर है। कला है। स्किल भी है। हर जनपद के एक उत्पाद को जीआई टैग प्राप्त करवाने के प्रयास करने चाहिए। ऐसा हो जाएगा तो उत्तर प्रदेश देश और दुनिया मे छा जाएगा।
कानपुर देहात, सहारनपुर और अलीगढ़ में पार्क बनेंगे
एमएसएमई मिनिस्टर राकेश सचान ने कहा, उत्तर प्रदेश सबसे बड़ा राज्य है और तमाम संभावनाओं को लपेटे हुए एमएसएमई का बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है। हमारे युवा मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन पर लगातार नई ऊंचाइयों को छू रहा है। इस कार्यक्रम में 20 हजार करोड़ का लोन बांटा गया, 11 उत्पादों को जीआई प्रमाण पत्र दिया गया। प्रयागराज में गोबर गैस प्लांट का लोकार्पण भी किया गया। कानपुर देहात, सहारनपुर और अलीगढ़ में प्लीज स्कीम के तहत पार्क बनाए जाएंगे।
भारतीय पैकेजिंग संस्थान के साथ हुआ एमओयू साइन
उत्तर प्रदेश सरकार एमएसएमई को आगे बढ़ाने के लिए वित्तीय सुविधा और मार्केटिंग सहित उनकी समस्याओं के निदान के लिए हर क्षेत्र में प्रयास कर रही है। यही कारण है कि छोटे उद्यमों के सामने पैकेजिंग की बड़ी समस्या रहती है, जिसे दूर करने के लिए आज उत्तर प्रदेश सरकार का भारतीय पैकेजिंग संस्थान के साथ एमओयू साइन किया गया।
जीआई पंजीकरण प्रमाण पत्र बांटे गए
उत्तर प्रदेश के हजारों उद्यमियों को आज जीआई पंजीकरण प्रमाण पत्रों को भी बांटा गया। यह प्रमाण पत्र उन उद्यमियों को दिया गया जो कि उत्पादन के क्षेत्र में विशिष्ट काम किए हैं। अपने विशेष उत्पाद से प्रदेश ख्याति को देश-विदेश तक में पहुंचाने का काम किया है। दरअसल यह ज्योग्राफिकल इंडिकेटर टैग रीजन के क्षेत्रीय उत्पाद को दिया जाता है।

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