शरीयत के दायरे में रहकर अपने मजहबी इबादत को दें अंजाम

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अवधनामा संवाददाता

Perform your religious worship within the scope of Shariaअतरौलिया/आजमगढ़ । शब ए बरात एक नूरानी ,इरफानी और बरकत वाली रात है। इस रात खूब इबादत की जाती है। इसी रात में (बिरादरान ए वतन) हिन्दू भाई होली जलाकर उस का पवित्र त्यौहार भी मनाएंगे। इस सिलसिले में मुसलमानों से अपील है। कि अपने मामूलात और अन्य इबादतो की अंजाम देही में ज्यादा से ज्यादा एहतियात बरतें। कोरोनावायरस कोविड-19 जैसी महामारी को 1 साल हो गया है, लेकिन इसकी तबाही और कहर सामानी कम होने के बाद फिर शुरू हो गई है। जिसकी वजह से 2020 ईस्वी में हमारे त्यौहार, बिजनेस धंधे और तेजारत उथल-पुथल हो गए। इसलिए दानिश मंदी का तकाजा है कि ज्यादा से ज्यादा कोरोनावायरस महामारी की रोकथाम के लिए एहतियाती तदबीर और हुकूमत की नई गाइडलाइन के मुताबिक अपने मामूलाते जिंदगी को अंजाम देने की कोशिश करें। शब ए बरात के शुभ अवसर पर कोरोनावायरस महामारी के खात्मा के लिए जमकर दुआएं करें। इस मौके पर जरूरतमंदों, गरीबों, लाचारों कि ज्यादा से ज्यादा मदद करें। कोई ऐसा काम ना करें, जिसकी वजह से अपने या अन्य व्यक्त को तकलीफ पहुंचे। शरीयत के दायरे में रहकर अपने मजहबी इबादत को अंजाम दें। यह उक्त बातें मौलाना मोहम्मद अब्दुल बारी नईमी पेश इमाम जामा मस्जिद अतरौलिया एवं सीनियर अध्यापक मदरसा अरबिया फैजे नईमी सरैया पहाड़ी ने कही।

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