Psaप्रयागराज । शराब की दुकानों के खुलने के बाद अब धार्मिक स्थलों को भी आम श्रद्धालुओं के लिए खोले जाने की मांग ज़ोर-शोर से उठने लगी है। हरिद्वार के धर्माधीशों और काशी विद्वत परिषद के बाद अब साधू -संतों की सबसे बड़ी संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने भी धार्मिक स्थलों को खोले जाने की मांग उठाई है। अखाड़ा परिषद इस बारे में गुरुवार को देश के प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और यूपी के सीएम को औपचारिक तौर पर चिट्ठी भी भेजेगा। इस बारे में अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि का कहना है कि इस मुश्किल वक्त में शराब की दुकानों को खोला जाना पूरी तरह से गलत है। अगर सरकार के सामने किसी तरह की कोई मजबूरी भी है, तो फिर मठ मंदिरों समेत दूसरे धार्मिक स्थलों को भी खोले जाने की इजाज़त दी जानी चाहिए।
उनका कहना है कि पूजा स्थलों पर लोग वैसे भी अनुशासित तरीके से रहते हैं। लोग धार्मिक स्थलों पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर अपनी पूजा व इबादत कर सकते हैं। इससे न सिर्फ उनका डर कम होगा, बल्कि उन्हें सुकून मिलेगा और उनको संबल व ताकत भी मिलेगी। उनके मुताबिक, पिछले करीब दो महीनों से धार्मिक स्थलों के बंद होने से अब वहां के कर्मचारियों को सेलरी देने में भी दिक्कत आ रही है।
महंत नरेंद्र गिरि ने मशहूर शायर मुनव्वर राणा की उस मांग को गलत बताया है, जिसमे उन्होंने मांस की दुकानों को खोले जाने की मांग उठाई है। उनका कहना है कि मुनव्वर राणा का समूचा देश सम्मान करता है, लेकिन उन्होंने इस वक्त जो मांग उठाई है, वह कतई जायज़ नहीं है। शराब की दुकानों को खोले जाने का फैसला ही गलत है। उस पर से मांस की बिक्री से और गलत संदेश जाएगा। उनके मुताबिक, सभी को अपनी पसंद का भोजन करने का अधिकार है, लेकिन मांस बिक्री से कई तरह के संक्रमण फैलने और गंदगी पैदा होने का खतरा रहता है, इसलिए कुछ दिनों के लिए मांस बिक्री न करना ही ज़्यादा उचित होगा।