कांग्रेस दिग्गज अनुग्रह नारायण को मिली थी पिछले चुनाव में बड़ी हार , बसपा कर सकती है खेल
मनोज तिवारी
प्रयागराज : जहाँ रविवार से बिहार के आगामी चुनाव के लिए बीजेपी ने वर्चुवल रैली के तहत लोगों को सम्बोधित किया वहीँ उत्तर प्रदेश की चुनावी रणभेरी में भले ही देरी हो लेकिन चर्चा कोरोना के बीच होने लगी है , किसकी सीट बचेगी , किसकी रहेगी , कौन करेगा वापसी और किसको मिलेगी हार आदि सवालों पर जनता में मंथन होने लगा है और दावेदार अपने आकाओं की गणेश परिकर्मा करने लगे हैं.
प्रयागराज की शहर उत्तरी विधानसभ सीट पूरी तरह से शहर की सीट है और सबसे ज्यादा बौद्धिक लोगों के रहने के लिए जनि जाती है . इतने बौद्धिक लोग रहते हैं की किसी चुनाव में बमुश्किल चालीस प्रतिशत ही वोटिंग करते हैं.
शहर उत्तरी में दिग्गज छात्र नेता अनुग्रह नारायण सिंह कई बार निर्दल , जनता दाल , कांग्रेस से विधायक रहे हैं अनुग्रह नारायण सिंह की छबि एक सीधे और सरल तथा जनता के लिए उपलब्ध नेता के रूप में रही है . अनुग्रह नारायण की राजन्ती को शहर उत्तरी में प्रतिक्रिया स्वरुप बीजेपी ने ही चुनौती दिया , बीजेपी से वरिष्ठ नेता नरेंद्र कुमार सिंह गौर विधयक रहे और मंत्री भी रहे , अपने कार्यकाल में नरेंद्र कुमार सिंह गौर ने बहुत कार्य किये जो आज भी उल्लेखनीय हैं जिसमें उत्तर प्रदेश राजऋषि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय , राजकीय होमो पथिक कॉलेज , श्यामा प्रसाद डिग्री कॉलेज अदि प्रमुख है , लेकिन समय के साथ ऐसा बदलाव आया कि आज नरेंद्र कुमार सिंह गौर राजनीती से दूर हो गए और नए लोगों के नेतृत्व में बीजेपी ने कांग्रेस नेता अनुग्रह नारायण को चुनौती दिया .
पिछले चुनाव में एक बार लगा कि बीजेपी सपा से ए शशांक त्रिपाठी को ही टिकट देगी लेकिन केशव प्रसाद मौर्या के करीबी सपा नेता पुराने कांग्रेस और बसपा से आए हर्ष वर्धन बाजपेयी को टिकट दिया , कांग्रेस के समझौते में सीट गयी और अनुग्रह नारायण सिंह हैट्रिक चांस पर थे , बसपा ने अमित श्रीवास्तव को अपना प्रत्याशी बनाया . शहर उत्तरी में पहले दस साल से लगातार अनुग्रह नारायण सिंह विधायक रहे थे इसलिए शहर उत्तरी ने बदलाव की योजना बनायीं बीजेपी नेता हर्ष वर्धन बाजपेयी 89191 वोट पाकर कांग्रेस नेता अनुग्रह नारायण के 54166 के मुकाबले 35025 वोटो के अंतर से हराया , बसपा केवल 23388 वोट ही पा सकीय जबकि पिछले दो चुनाव में बसपा ही दूसरे नंबर पर रहती थी बशर्ते वर्तमान विधायक हर्ष प्रत्याशी होते थे .
2022 में शहर उत्तरी से कोई विशेष परस्थिति बदली नहीं है , बीजेपी विधायक के खिलाफ कोई नेगेटिविटी नहीं है लेकिन जनता में कई संगठनों के माध्यम से लगातार अनुग्रह नारायण सिंह के लगे होने की वजह से वे वापसी करने की भरपूर कोसिस करेंगे . दूसरी तरफ बसपा के नेता अमित श्रीवास्तव की दावेदारी बरक़रार है , समाजवादी पार्टी से अजय श्रीवास्तव भी चुनाव लड़ सकते हैं , लेकिन शहर उत्तरी में अगर गहराई से अध्यन किया जाय तो बहुजन समाज पार्टी को परम्परागत देने वाला वोट बहुत है जो बीजेपी और कांग्रेस में जाता है . कोई करिश्माई नेता शहर उत्तरी के विधानसभा को त्रिकोणीय बना सकता है नहीं तो जाहिर है कि 2022 में शहर उत्तरी में सीढ़ी टक्कर कांग्रेस और बीजेपी में ही होनी है .