मनोज तिवारी
प्रयागराज : देश ही नहीं दुनिआ ने भी नहीं सोचा था की कोरोना वाइरस दुनिया की साडी गतिविधियों को ठप्प कर देगा , लेकिन हुआ ऐसा है , लोगों ने ठीक से नए साल का जश्न मनाया भी नहीं था और उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में दो साल का समय बचा था, राजनितिक दल अपने अपने हिसाब से गुणा गणित करने में लगे हुए थे , अगस्त से राजनीतक हलचल चालू होनी थी और कोरोना के पहले सीएए पर राजनीती गरम थी .
लेकिन विधि को कुछ दूसरा ही मजजूर था और पूरी दुनिया में कोरोना ने ऐसा दस्तक दिया कि साडी तस्बीर और सिस्टम ही बदल गया . अब जहाँ सामाजिक कार्य बंद हो गए वहीँ राजनितिक कार्य पर भी प्रतिबंध लग गया . लगभग तीन महीने के बाद लॉक डाउन में कुछ ढील तो मिली लेकिन खुलकर किसी तरह से लोग एक दूसरे से मिलने जुलने से बचते नजर आ रहे हैं.
राजनीती की बात करें तो अब उत्तर प्रदेश के चुनाव में डेढ़ साल का समय बचा है और हर विधान सभा में पार्टी के नेता अपने चुनावी प्रबंधन में लग गए हैं . प्रयागराज की दक्षिणी विधानसभा में कैबिनेट मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नंदी एक ताकतवर मंत्री माने जाते हैं और पिछले चुनाव में वे शहर की तीनों विधान सभा में सबसे ज्यादा 93011 वोट पाकर अपने निकट सहयोगी समाजवादी पार्टी से हाजी परवेज टंकी के 64424 वोट के मुकाबले 28587 वोट से चुनाव जीत कर बदला लिया . वहीँ बहुजन समाज पार्टी से हाजी मासूक खान केवल 12162 वोट पाने में ही कामयाब रहे थे .
आगामी चुनाव 2022 में बहुत कुछ समीकरण बदलता हुआ लग रहा है , जहाँ नन्द गोपाल गुप्ता नंदी की तैयारी चुनाव की चल रही है वहीँ दूसरी तरफ समाजवदी पार्टी के कई नेता अपनी तयारी में जुटे हैं और सपा अध्यक्ष को यह समझने के प्रयास में हैं कि कैसे शहर दक्षिणी से चुनाव जीता जा सकता है .
समाजवादी पार्टी की तरफ से पूर्व विधायक हाजी परवेज टंकी की मजबूत दावेदारी है वहीँ ध्रुवीकरण से बचने के फॉर्मूले पर दुर्गा प्रसाद गुप्ता , नन्द लाल निषाद नंदा की मजबूत दावेदारी बानी हुई है . क्षेत्र के लोगों से चुनाव सम्बन्धी बात करने पर लोग कहते हैं कि शहर दक्षिणी में कोई विशेष उल्लेखनीय काम तो नहीं हुआ है लेकिन जो लड़ेगा वह बीजेपी से लड़ेगा और नंदी से ही लड़ेगा .
समाजसेवी गोपाल का कहना है कि अगर समाजवादी पार्टी ने सही से प्रत्याशी दिया तो इस बार परिणाम बदल सकता है बशर्ते बहुजन समाज पार्टी का प्रत्याशी त्रिकोणीय मुकाबला करे .
शहर दक्षिणी में एक फैक्टर और काम कर रह है जिसके तहत कांग्रेस के भी वोटर अच्छी संख्या में हैं और पंडित विजय मिश्रा , चौधरी जीतेन्द्र नाथ सिंह किसी के बभी चुनावी समीकरण को बिगाड़ सकते हैं . अगर कोई गठबंधन नहीं हुआ तो शहर दक्षिणी विधानसभा में बीजेपी , समाजवादी पार्टी और कांग्रेस त्रिकोणीय मुकाबले करने में कामयाब होंगे और ऐसे में दुबारा कैबिनेट मंत्री को अपनी सीट बचने के लिए कठिन मेहनत करना होगा .
नंदी को मजबूत टक्कर देती नजर आ रही समाजवादी पार्टी , कांग्रेस बनाएगी त्रिकोण .
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