लगभग तीस लाख से बना पंचायत भवन चढ़ा भरस्टाचार की भेंट

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अम्बेडकरनगर  लगभग 30लाख से बना पंचायत भवन का निर्माण कार्य, चढ़ा भ्रष्टाचार के भेंट। जहां सरकार एक तरफ विभिन्न प्रकार की योजना बना व उन योजनायों के लिए पर्याप्त राशि की व्यवस्था कर ग्राम पंचायत के विकास को गति देने के लिए अग्रसर है, । तो वहीं विभागीय अधिकारियों के लापरवाही से यह योजनाएं धरातल पर आने से पहले ही दम तोड़ने लगी हैं। इन योजनायों पर पानी फेरने के साथ ही विकास के लिए जारी राशि को लूटने में पंचायती राज का पूरा अमला कोई कसर नही छोड़ रहा है।

ताजा मामला विकासखण्ड टांण्डा अंतर्गत आने वाला  ग्राम पंचायत बिहरोजपुर जहाँ  पंचायत भवन का निर्माण कार्य भ्रस्टाचार के भेंट चढ़ गया है । शासन द्वारा उक्त निर्माण के लिए लगभग 30 लाख लागत राशि की स्वीकृति प्रदान की गई थी । जसकी निर्माण की जिम्मेदारी ग्राम पंचायत के सरपंच सचिव को सौंपी गई। पर जिम्मेदार अधिकारियों के मिलीभगत से इस निर्माण के लिए स्वीकृत सरकारी पैसे का जमकर बंदरबांट किया गया । और शासन द्वारा इस निर्माण के लिए जारी किये प्राकलन के नियम को दरकिनार कर भवन का निर्माण करा दिया गया। जानकारों की माने  पंचायत भवन के निर्माण में कुछ दिन पहले भवन निर्माण पुर्ण हुआ है  और शासन के द्वारा इस पंचायत का संचालन ठीक-ढंग से हो सके उसके लिए पंचायत भवन निर्माण की स्वीकृति दी गयी।

पर जिम्मेदार सरपंच-सचिव इस निर्माण में भ्रस्टाचार करने में कोई कसर नही छोड़े हैं,इस भवन में दरार टाईल्स टूट गया  है तो वहीं दूसरी ओर इस भवन के कई हिस्सों में दरारें पड़ने लगी है, जिसे निर्माण एजेंसी द्वारा पुट्टी आदि की पुताई करवा दिया था लेकिन दिवाल पर दरार दिखाई पड़ना यह साबित कर रहा है कि पंचायत भवन घटिया सामग्री निर्माण कराया गया है । अभी  पंचायत भवन बने एक वर्ष के हुआ होगा ग्रामीणों ने नाम न छापने के शर्त बताया कि पंचायत भवन पर न ही प्रधान बैठता और ना रोजगार सेवक और ग्राम सचिव पंचायत भवन पर हमेशा ताला लगा रहता है। ग्रामीणों ने यह भी बताया पंचायत भवन पर शराबियों एवं जुआ अड्डा बना हुआ है जिसको लेकर ग्रामीणों में आक्रोश है गौरतलब है कि ग्रामीणो का आरोप पंचायत भवन घटिया सामग्री से बनवाया गया है। और सरकार के साइड पर अपलोड किया गया जिसमें सरकारके रुपए से जैसे कुर्सी मेज प्रिंटर कंप्यूटर आदि सभी सामान अपने घर पर इस्तेमाल कर रहे हैं ग्राम प्रधान अगर जांच हुआ तो ग्राम प्रधान और ग्राम सचिव के ऊपर कारवाई तैय माना जा रहा है

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