पाकिस्तान ‘कसाईयों का देश’; जहां किसी को मानव जीवन की नहीं है परवाह

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मुल्तान। पिछले दिनों पाकिस्तान के मुल्तान शहर के एक अस्पताल की छत पर सैकड़ों सड़ी-गली लाशें मिली थीं। इस दिल दहला देने वाली घटना पर पाकिस्तान के लोगों के अंदर खासा रोश का माहौल देखा गया। कई राजनीतिक संगठनों ने भी शहबाज सरकार की जमकर आलोचन की। इस बीच, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) का कहना है कि इन अत्याचारों के पीछे सेना समेत पाकिस्तान सरकार की संस्थाएं शामिल हैं। टीटीपी ने अपना बयान जारी करते हुए कहा, ‘पाकिस्तान ‘कसाईयों का देश’ है, जहां किसी को मानव जीवन की परवाह नहीं है, खासकर बलूच और पश्तूनों की।’

प्रतिबंधित समूह टीटीपी ने मुल्तान के एक अस्पताल में सैकड़ों शवों की खोज की निंदा की और कहा कि यह पाकिस्तानी सरकार और उसकी संस्था जैसे फ्रंटियर कॉर्प्स, सेना और इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस का काम है।

टीटीपी के बयान में कहा गया कि पाकिस्तान की नेशनल असेंबली नापाक (impure) है। साथ ही कहा कि पाकिस्तान का बलूच और पश्तूनों के लिए कोई सही इरादा नहीं है।
टीटीपी द्वारा जारी घोषणापत्र में कहा गया है कि इन लोगों के शवों को क्षत-विक्षत कर दिया गया और फिर उनके अंगों को निकालकर पैसे के लिए बेच दिया गया। साथ ही कहा गया है कि हजारों पश्तून और बलूच सालों से गायब हो रहे हैं और इस तरह के भाग्य का सामना कर रहे हैं। टीटीपी ने दावा किया कि सड़ी हुई लाशें बलूच और पश्तूनों की थीं, जो जबरन गायब होने के शिकार हुए हैं।

टीटीपी ने बयान में उन पार्टियों और मानवाधिकार संगठनों की निंदा की जिन्होंने ऐसे मामलों के खिलाफ आवाज नहीं उठाई और कहा कि टीटीपी इस तरह के कार्यों के लिए सरकार को जवाब देगा। गैरकानूनी समूह टीटीपी ने यह भी कहा कि इस तरह की हरकतें और मानव शरीर का अनादर शरिया के खिलाफ है।

बता दें कि 14 अक्टूबर को कई अज्ञात और क्षत-विक्षत शव मुल्तान के निश्तार अस्पताल ( Nishtar Hospital) के मुर्दाघर की छत पर पड़े मिले हुए थे। घटना के बाद प्रांत के अतिरिक्त मुख्य सचिव के छह सदस्यीय समिति के गठन के आदेश के बाद एक जांच शुरू हुई। कमेटी ने शवों के साथ बदसलूकी करने वाले निश्तार अस्पताल के स्टाफ के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

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