Tuesday, October 28, 2025
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‘पाकिस्तान में सेना और सरकार मिलकर करती है शासन’, ख्वाजा आसिफ ने कबूला सच

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने स्वीकार किया कि देश में हाइब्रिड मॉडल के तहत शासन चल रहा है जिसमें सेना और नागरिक सरकार मिलकर फैसले लेती हैं। एक साक्षात्कार में उन्होंने बताया कि सेना प्रमुख का प्रभाव इतना ज्यादा है कि रक्षा मंत्री भी उनके अधीन आते हैं हालांकि फैसले सहमति से लिए जाते हैं।

पाकिस्तान की सरकार में वहां की सेना का हस्तक्षेप हमेशा से रहा है। भले ही वहां के नेता इस बात को स्वीकार ना करें, लेकिन यह सत्य पूरी दुनिया को पता है। इस बीच पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने खुले तौर पर कबूल किया है कि उनके देश में ‘हाइब्रिड मॉडल’ के तहत होता काम होता है।

दरअसल, एक साक्षात्कार के दौरान पाक के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने बताया कि उनके देश यानी पाकिस्तान में देश में शासन का संचालन ‘हाइब्रिड मॉडल’ के तहत होता है। इसमें सेना और नागरिक सरकार मिलकर फैसले लेती हैं। उनके इस बयान सिद्ध हो गया है कि पाकिस्तान की सत्ता में सेना का दखल है।

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बड़ा कबूलनामा

एक साक्षात्कार के दौरान रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ से पूछा गया कि पाकिस्तान में यह एक अजीब व्यवस्था नहीं है। जिसको आप एक हाइब्रिड मॉडल बता रहे हैं। जहां पर सेना और नागरिक सरकार एक दूसरे साथ सत्ता चलाते हैं। वास्तव में तो रक्षा मंत्री देश की सेना के प्रभारी होते हैं। इसका सीधा मतलब हुआ कि आसीम मुनीर आपसे अधिक प्रभावशाली हुए।

इस सवाल के जवाब को आसिफ ख्वाजा गोल-गोल घुमाने लगे और कहा कि ऐसा नहीं है, मैं एक राजनीतिक नियुक्त व्यक्ति हूं और मैं एक राजनीतिक कार्यकर्ता हूं, जैसा आप जानते हैं। आपको बता दें कि पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ब्रिटिश-अमेरिकी पत्रकार मेहदी हसन के साथ बातचीत कर रहे थे।

इस सवाल पर भड़क उठे ख्वाजा आसिफ

वहीं, जब एक उदाहरण के तौर आसिफ ख्वाजा से पूछा गया कि अमेरिका में युद्ध पीट हेगसेथ के पास अमेरिकी जनरलों को बर्खास्त करने का अधिकारी है, लेकिन पाकिस्तानी रक्षा मंत्री के पास ऐसा कोई अधिकार नहीं है। इसके जवाब में उन्होंने कहा कि अमेरिका में एक अलग मॉडल है, जिसके डीप स्टेट कहा जाता है।

पाकिस्तान में सेना प्रमुख क्यों दी गई इतनी छूट?

इस साक्षात्कार के दौरान जब पाकिस्तानी रक्षा मंत्री से पूछा गया कि आपके यहां पर सेना प्रमुख का प्रभाव इतना ज्यादा क्यों है कि रक्षा मंत्री भी उसके अधीन आते नजर आते हैं। इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यह पूरी तरीके से समान नहीं है। लेकिन हम फैसले सहमति से लेते हैं। कई जगहों पर हम असहमत हो जाते हैं। लेकिन अंत में वह फैसला लागू होता है को सामूहिक मंथन से लिया गया हो।

हाइब्रिड मॉडल की तारीफ करते हैं ख्वाजा आसिफ

पाकिस्तान के अखबार दी डॉन के अनुसार, आसिफ ने पहले भी इस हाइब्रिड मॉडल की सराहना की है। इसको उन्होंने पाकिस्तान की आर्थिक और प्रशासनिक समस्याओं को हल करने के लिए व्यवहारिक आवश्यकता बताया था। उन्होंने कहा था कि हमारे देश में आदर्श लोकतंत्र नहीं बल्कि लेकिन मौजूदा व्यवस्था ज्यादा अच्छे से काम कर रही।

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