पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए शुभम दुबे के ससुराल वाले सदमे में हैं। यशोदा नगर में उनके घर के आसपास सन्नाटा पसरा है। लोगों को समझ नहीं आ रहा कि कैसे एक खुशहाल परिवार की खुशियां पल भर में तबाह हो गईं। शुभम ने शादी के बाद अपने ससुराल वालों से वादा किया था कि वह जल्द ही अपनी पत्नी एशान्या को लेकर आएगा।
पहलगाम आतंकी हमले में शुभम की मौत से सिर्फ उसके परिवार वाले ही नहीं बल्कि, शुभम की पत्नी एशान्या के मायके वाले दहशत में हैं।
यशोदानगर में एशान्य के मायके के आसपास ऐसा सन्नाटा है कि लगता ही नहीं कि यहां लोग रहते हैं। लोगों को समझ में ही नहीं आ रहा है कि किसी हंसते खेलते परिवार की खुशियां इस तरह से तबाह हो जाएंगी।
बेटी की शादी के बाद से बेहद खुश था परिवार
यशोदा नगर स्थित देवकी नगर निवासी राजेश पांडेय एनएचएआई के ठेकेदार हैं। परिवार में पत्नी के अलावा बड़ी बेटी एशान्या और छोटी बेटी शांभवी है। हमले के 70 दिनों पहले ही उन्होंने धूमधाम से ओरछा के एक फार्म हाउस से एशान्या की शादी की थी। बड़ी बेटी की शादी के बाद से सभी बेहद खुश थे।
पड़ोस में रहने वाले अनिल कुमार ने बताया कि दोनों परिवारों के बीच गजब का सामंजस्य था। तभी पूरा परिवार एक साथ घूमने के लिए निकला था।
घर में ताला पड़ा है और क्षेत्र में सन्नाटा
एक अन्य पड़ोसी से बात करने की कोशिश की गई तो उन्हाेंने नम आंखों से हाथ जाेड़ लिया, मानो कह रहे हों कि वह इस मुद्दे पर बात करने की स्थिति में ही नहीं हैं। चूंकि एशान्या के घर पर कोई नहीं है, इसलिए घर में ताला पड़ा है और क्षेत्र में सन्नाटा।
शुभम की ससुराल के ही करीब मेडिकल स्टोर संचालक सुनील श्रीवास्तव रहते हैं। सुनील शुभम के पिता संजय दुबे के मित्र हैं। सुनील के बताया कि वह जब भी फैमिली डॉक्टर के पास आते तो उनके पास जरूरी आते थे। बाद में दवा लेने के लिए शुभम आने लगा था। उनकी भी उससे अच्छी बनने लगी थी।
यशोदा नगर में ही शादी तय होने के बाद कार्ड दिया था। शादी के बाद ससुराल जाते समय 15 मार्च को शुभम उनकी दुकान पर आया था। उसने उनसे वादा किया था कि जल्द ही वह एशान्या को लेकर दुकान पर आएंगा और आशीर्वाद लेगा। वह ही आखिरी पल था। अब तो सिर्फ यादों में ही रह गया, यह कहते हुए उनकी आंखें नम पड़ गईं।