50 दिन के भीतर तीसरा भ्रूण मिलने से हाहाकार

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अवधनामा संवाददाता हिफजुर्रहमान

अल्ट्रासाउंड सेंटरों के चलते बढ़ रही भ्रूण हत्याएं

मौदहा हमीरपुर। डेढ़ महीने के भीतर तीसरा नवजात मिलने से क्षेत्र में भ्रूण हत्याओं की घटना बढ़ रही हैं।हालांकि कोतवाली पुलिस मामले की जांच में जुट गई है और नवजात शिशु के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम और डीएनए टेस्ट कराने की बात कह रही है।लेकिन तीसरे भ्रूण के मिलने से लोगों में अल्ट्रासाउंड सेंटरों को लेकर खासा आक्रोश है।
सरकार परिवार नियोजन के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर सरकारी अस्पतालों में परिवार नियोजन के निशुल्क साधन उपलब्ध करा रही है साथ ही लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से विज्ञापन के नामपर भी भारी रकम खर्च कर रही है लेकिन लोगों पर इसका कोई खास असर नहीं हो रहा है और क्षेत्र में नवजात शिशुओं के भ्रूणों के मिलने क सिलसिला जारी है।
मंगलवार की सुबह कस्बे के पढोरी रोड अम्बेडकर पार्क के निकट नाले में एक नवजात शिशु का अल्पविकसित भ्रूण मिलने से क्षेत्र में हड़कंप मच गया।आसपास के लोगों की सूचना पर पहुंची कोतवाली पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम और डीएनए टेस्ट कराने की बात कही है।जबकि सीएचसी अधीक्षक डा.रजत रंजन तिवारी ने बताया कि देखने में छः से सात महीने का बच्चा लग रहा है क्योंकि अभी बच्चे के लिंग का विकास नहीं हो सका है जिससे यह नहीं कहा जा सकता है कि लडकी है या लडका बाकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद स्पष्ट हो सकता है।
बताने वाली बात यह है कि बीते साल क्रिसमस के दिन कस्बे के भीडभाड भरे इलाके इलाहाबाद बैंक के निकट एक चबूतरे में दिनदहाड़े एक नवजात शिशु मिला था और उसके अट्ठारह दिन बाद कोतवाली क्षेत्र के ग्राम गुरदहा में नाले पर एक नवजात शिशु का भ्रूण मिला था जिसपर पुलिस ने दोनों का पोस्टमार्टम कराने के बाद जांच शुरू की थी।अभी पुलिस की जांच पूरी भी नहीं हुई थी कि तीसरा भ्रूण मिलने से क्षेत्र में हड़कंप मच गया है और लोगों मे अल्ट्रासाउंड सेंटर पर जन्म पूर्व लिंग परीक्षण का आरोप लगाते हुए अल्ट्रासाउंड सेंटरों को ही भ्रूण हत्या के लिए जिम्मेदार ठहराया है।

सरकार के विज्ञापन और जागरूकता अभियान बेअसर

सरकार द्वारा जनसंख्या वृद्धि रोकने के उद्देश्य से चलाए जा रहे परिवार नियोजन कार्यक्रम क्षेत्र में हो रही भ्रूण हत्याओं के चलते बेअसर साबित हो रहे हैं।हालांकि सरकार परिवार नियोजन के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर रही है और सरकारी अस्पताल में परिवार नियोजन के साधन लोगों को निशुल्क उपलब्ध कराए जा रहे हैं साथ ही इनके विज्ञापनों और जागरूकता अभियान पर भी करोड़ों रुपए खर्च किया जा रहा है लेकिन सरकार के इन परिवार नियोजन के साधन और जागरूकता अभियान बेअसर साबित हो रहे हैं।

अल्ट्रासाउंड सेंटरों में हो रही है जन्म पूर्व लिंग की जांच

सरकार द्वारा अल्ट्रासाउंड सेंटर में जन्म पूर्व लिंग परीक्षण अपराध घोषित किया गया है और लगभग सभी अल्ट्रासाउंड सेंटर में लिंग परीक्षण अपराध है के पोस्टर भी लगे हुए हैं लेकिन बांदा, हमीरपुर,सहित अन्य आसपास चल रहे अल्ट्रासाउंड सेंटर बेधड़क गर्भ में लिंग जांच कर रहे हैं जिसके चलते भ्रूण हत्या के मामले लगातार देखने को मिल रहे हैं।और यदि सरकार ने इन अल्ट्रासाउंड सेंटर पर सख्ती नहीं बरती तो अभी ऐसे और मामले सामने आएंगे।

 

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