अवधनामा संवाददाता
सोनभद्र/ब्यूरो रावर्ट्सगंज तहसील में बने राजस्व बंदी गृह में सुधाकर दुबे की मौत के मामले आखिरकार प्रशासन ने यह मान लिया कि लापरवाही हुई है और इसके लिए तत्कालीन एसडीएम व तहसीलदार सीधे जिम्मेदार हैं। प्रशासन ने शनिवार को इस घटना में दोषियों के खिलाफ कार्यवाही करते हुए मुकदमा दर्ज करा दिया है ।
इस मामले को लेकर भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष डॉ धर्मवीर तिवारी ने कहा कि राजस्व बंदी गृह में सुधाकर दुबे के मौत के मामले में अंततः प्रशासन ने 304 गैर इरादतन हत्या में एफ आई आर दर्ज करा दिया है । उन्होंने कहा कि शुरू से ही एसडीएम व तहसीलदार द्वारा अपनी गलती को छुपाने का प्रयास किया जा रहा था। जांच अधिकारी ने शुरू से ही परिवार पर दबाव बनाने का काम किया, सही तथ्यों को दबाया गया जिस नाते न्यायालय की शरण लेनी पड़ी । उन्होंने कहा कि सच्चाई यह थी कि राजस्व बंदी गृह में ही सुधाकर दुबे की मौत हो गई थी लेकिन तहसीलदार और एसडीएम लगातार यह कहते रहे कि परिवार वाले सुधाकर दुबे को लेकर भाग गए। धर्मवीर तिवारी ने कहा कि अगर कोई मामला दूसरा होता तो तहसीलदार एसडीएम जबरिया पोस्टमार्टम करा लेते हैं लेकिन इस मामले में क्यों छोड़ दिए, सवाल शुरू से खड़ा हो रहा था और मामले का सबूत खत्म करने के लिए जानबूझकर लाश को जला दिया गया । धर्मवीर तिवारी ने कहा कि पीड़ित को न्याय दिलाने के लिए हमारी सरकार निरंतर खड़ी है ।इस मामले में कड़ी कार्रवाई भी होनी चाहिए । इसके लिए जरूरी है कि एफआईआर के बाद एसडीएम तहसीलदार को निलंबित किया जाना चाहिए ।
पूर्व जिलाध्यक्ष ने एक पूर्व मामले का जिक्र करते हुए कहा कि कुछ दिन पूर्व डा0 बनारसी पांडे के लड़के रामानुज पांडे की मौत धंधरौल बांध के पास हुई थी जिसमें एफआईआर दर्ज है, नामजद एफआईआर दर्ज होने के बाद भी आज तक पुलिस दोषी को गिरफ्तार नहीं कर पाई है । आखिर ऐसे लापरवाह अफसरों पर कार्यवाही कर लगाम लगाना चाहिए। डॉ धर्मवीर तिवारी ने कहा सोनभद्र में किसी भी पीड़ित व्यक्ति के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा । हमारी सरकार जीरो टॉलरेंस की सरकार है किसी भी कीमत पर लापरवाह अफसरों को नहीं बख्शा जाएगा।