अवधनामा संवाददाता
राष्ट्रीय लोक अदालत में हुआ वादों का निस्तारण
ललितपुर(Lalitpur)। सिविल जज सीनियर डिविजन डॉ सुनील कुमार सिंह ने बताया कि आज सुबह 9:45 पर सभी न्यायिक अधिकारियों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इलाहाबाद उच्च न्यायालय का उद्घाटन समारोह न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव प्रशासनिक न्यायाधीश ललितपुर के साथ देखा जिसके पश्चात 10 बजे ललितपुर जिला जजी में राष्ट्रीय लोक अदालत का उद्घाटन न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव द्वारा किया गया। न्यायमूर्ति द्वारा दीप प्रज्वलन किया गया।
न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव ने कहा गया कि हम सभी को प्रयास करना चाहिए कि हम गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों को दलित वर्गों को महिलाओं बच्चों विकलांगों एवं ऐसे लोगों को जो अपना मुकदमा स्वयं नहीं लड़ सकते हैं उन्हें प्रयास कर फ्री लीगल एड दी जानी चाहिए। हमें सस्ता सुलभ न्याय देना है। न्यायिक अधिकारियों को निर्दिष्ट किया गया कि वे जल्दी-जल्दी मुकदमों का निस्तारण करें लंबी तारीखें ना लगाएं। लंबी तारीख लगाने से मुकदमों के निस्तारण में देरी होती है और न्यायालय से वादकारियों का विश्वास समाप्त होने लगता है। उद्घाटन समारोह का कुशल संचालन शबिस्ता अकील अपर जिला जज प्रथम द्वारा किया गया। उद्घाटन समारोह के अंत में धन्यवाद ज्ञापन जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मोहम्मद रियाज द्वारा किया गया। जिला जज की अध्यक्षता में एवं अपर जिला जज (ई0सी0एक्ट)/नोडल अधिकारी निर्भय प्रकाष, राष्ट्रीय लोक अदालत व सचिव हरीश कुमार की देखरेख में जनपद न्यायालय परिसर में कोविड-19 प्रोटोकोल के अंतर्गत जोर शोर से राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर जिलाधिकारी ने भी कलेक्ट्रेट कोर्ट में वादों की सुनवाई करते हुए मौके पर सुलह-समझौते के आधार पर निस्तारण कराया। जिलाधिकारी ललितपुर एवं उनके अधीन न्यायालयों/विभागों द्वारा 9373 वादों का निस्तारण कर रू0 320220/- की समझौता धनराशि का निर्धारण किया गया एवं चकबन्दी विभाग द्वारा 21 वादों का निस्तारण किया गया। उक्त राष्ट्रीय लोक अदालत में सुलह समझौते के आधार पर विभिन्न प्रकार के कुल 11943 वादों का निस्तारण किया जिसमे 56653947/- रूपये की समझौता धनराशि का निर्धारण किया गया। जिला जज मोहम्मद रियाज द्वारा 12 वाद निस्तारित कर रू0 488262/- की समझौता धनराशि का निर्धारिण किया गया। अपर जिला जज शबिस्तॉ आकिल द्वारा 03 वाद निस्तारित कर रू0 900/- की समझौता धनराशि का निर्धारिण किया गया। अपर जिला जज (एस0सी0/एस0टी0 एक्ट) नीतू यादव द्वारा 04 वाद निस्तारित कर रू0 1000 का जुर्माना अधिरोपित किया गया। अपर जिला जज (पॉक्सो विषेष) चन्द्रमोहन श्रीवास्तव द्वारा 02 वाद निस्तारित कर रू0 1000/- की समझौता धनराशि का निर्धारण किया गया। अपर जिला जज (ई0सी0एक्ट) निर्भय प्रकाष द्वारा 114 वाद निस्तारित किये गये। मुख्य न्यायिक मजिस्टेऊट मेराज अहमद द्वारा 837 वाद निस्तारित कर रू0 434040/- का जुर्माना अधिरोपित किया गया। सिविल जज (सी0डि0) डा0 सुनील कुमार सिंह द्वारा 358 वाद निस्तारित कर रू0 3720474/- की समझौता धनराशि का निर्धारण किया गया। सिविल जज (सी0डि0-एफटीसी) अक्षयदीप यादव द्वारा 156 वाद निस्तारित कर रू0 6190/- की समझौता धनराशि का निर्धारण किया गया। सिविल जज (जू0डि0) प्रज्ञा सिंह द्वारा 11 वाद निस्तारित किये गये। अपर सिविल जज (जू0डि0-न्यूकोर्ट) सौरभ मण्डलोई द्वारा 04 वाद निस्तारित किये गये। सिविल जज (जू0डि0-एफटीसी) गरिमा सक्सेना द्वारा 12वाद निस्तारित कर रू0 14400/- की समझौता धनराशि का निर्धारण किया गया। विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट सिंचाई खण्ड ललितपुर द्वारा 03 वाद निस्तारित कर रू0 300/- का जुर्माना अधिरोपित किया गया। प्रधान न्यायाधीष कुटुम्ब न्यायालय पी0एन0राय द्वारा पारिवारिक वाद से संबंधित 32 वाद निस्तारित किये गये। पीठासीन अधिकारी शमषुल हक मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण ललितपुर द्वारा मोटर दुर्घटना से संबंधित 37 वाद निस्तारित कर रू0 47060400 का प्रतिकर दिलाया गया। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट महरौनी सौरव सिंह द्वारा 339 वाद निस्तारित कर रू0 15960/- का जुर्माना अधिरोपित किया गया एवं सिविल जज (जू0डि0) महरौनी सुरेखा द्वारा 71 वाद निस्तारित कर रू0 7610/- का जुर्माना अधिरोपित किया गया। न्यायाधिकारी ग्राम न्यायालय तालबेहट यज्ञेष कुमार सोनकर द्वारा 148 वाद निस्तारित कर रू0 51950/- का जुर्माना अधिरोपित किया गया। स्थाई लोक अदालत ललितपुर द्वारा 01 वाद निस्तारित किया गया। जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग द्वारा 04 वाद निस्तारित कर रू0 824801/- की समझौता धनराषि का निर्धारण किया गया। विभिन्न बैंको द्वारा बकाया राषि से संबंधित 401 वाद निस्तारित कर रू0 46060440/- की समझौता धनराषि का निर्धारण किया गया। मुख्यालय पर आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में न्यायिक अधिकारी, अधिवक्तागण, बैंक के अधिकारी/कर्मचारीगण, वादकारीगण उपस्थित रहे एवं वादकारियो ने अपने वादों का सुलह-समझौता के आधार पर निस्तारण कराकर राष्ट्रीय लोक अदालत का लाभ प्राप्त किया।