गोष्ठी किसानों की लागत कम व उत्पादन अधिक करने के लिए किया जाता है- सांसद
सिद्धार्थनगर। जनपद स्तरीय रबी उत्पादकता गोष्ठी/तिलहन मेला का आयोजन शनिवार को मुख्य अतिथि सांसद डुमरियागंज जगदम्बिका पाल एवं जिलाधिकारी शिवशरणप्पा जीएन, मुख्य विकास अधिकारी बलराम सिंह, सांसद प्रतिनिधि एसपी अग्रवाल की उपस्थिति में लोहिया कला भवन में सम्पन्न हुआ। अतिथियों द्वारा पशुपालन, उद्यान, गन्ना, खादी ग्रामोद्योग विभाग व अन्य कृषि रसायन के स्टालों का भ्रमण कर एवं द्वीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया।
इस दौरान सांसद जगदम्बिका पाल ने कहा कि जनपद स्तरीय रबी उत्पादकता गोष्ठी/तिलहन मेला का आयोजन किसानों की लागत कम व उत्पादन अधिक करने के लिए किया जाता है। जो किसान जनपद स्तर पर नहीं पहुंच पाये हैं ब्लाक स्तर पर भी गोष्ठी का आयोजन कर किसानों को जागरूक किया जाये। जनपद में खाद की कोई कमी नहीं है समिति पर सचिवों की कमी है जिसके कारण खाद वितरण में कठिनाई आ रही है। और भी खाद जनपद में आने वाली है। सांसद ने सभी किसानों से अपील किया कि पराली का उपयोग खाद के रूप में व पशुओं के चारा के रूप में करें।
पराली जलाने से वायु प्रदूषण के साथ मृदा के पोषक तत्व व मित्र कीट नष्ट हो जाते हैं जिससे पैदावार भी कम हो जाता है। गेंहू धान के साथ साथ दलहनी व तिलहनी फसलों की भी खेती करें। कहा कि प्रधानमंत्री जी द्वारा किसानों की आय दोगुनी हो इसके लिए किसान सम्मान निधि की 21वीं किश्त सीधे डीबीटी के माध्यम से किसानों के खाते में प्रेषित किया जिससे वह अच्छी तरीके से खेती कर सकें।पहले हमारा देश अन्य देशों से खाद्यान्न आयात करता था आज अन्य देशों को निर्यात कर रहा है। काला नमक चावल विभिन्न प्लेटफार्म के माध्यम से विदेशो में निर्यात हो रहा है। एक जनपद एक उत्पाद में काला नमक चावल चयनित है।कृषि यंत्रों पर अनुदान दिया जा रहा है।
जिलाधिकारी शिवशरणप्पा जीएन ने कहा कि जनपद में पानी की कमी नहीं है उसके बाद भी अन्य राज्यों की तुलना में पैदावार कम है। वैज्ञानिक विधि से जैविक खेती करके उत्पादन को बढ़ाया जा सकता है। जनपद में पशुपालन, मछली पालन व सब्जी की खेती वृहद स्तर पर होती है इसमें भी किसानों की आय में वृद्धि होगी। लाटरी के माध्यम से किसानों को कृषि यन्त्रों पर अनुदान दिया जा रहा है। पराली जलाने से वायु प्रदूषण होता है जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। पराली का उचित प्रबन्धन कर खाद के रूप में प्रयोग करें जिससे मृदा का स्वास्थ्य व पोषक तत्व सुरक्षित रहेंगे। जिलाधिकारी ने कहा कि किसानों की समस्याओं का निराकरण करने के लिए जिला प्रशासन पूरा प्रयास करेगा।
मुख्य विकास अधिकारी बलराम सिंह ने कहा कि जनपद में मुख्य रूप से गेंहू, धान की खेती होती है इसके अलावा अन्य दलहनी व तिलहनी फसलों को फसल चक्र में अपनाना चाहिए। फसलों में रासायनिक उर्वरक का कम प्रयोग करें उसके स्थान पर जैविक खाद का प्रयोग करें जिससे उसकी शुद्धता बनी रहेगी व स्वास्थ्य भी ठीक रहेगा। इस अवसर पर सांसद प्रतिनिधि एसपी अग्रवाल, डॉ0 आरके मिश्रा कृषि वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केन्द्र सोहना व अन्य लोगों द्वारा वैज्ञानिक विधि/जैविक खेती करने के बारे में जानकारी दिया गया। केन्द्रीय विद्यालय की छात्रा दिव्या रानी मिश्रा ने फसल अवशेष प्रबन्धन पर किसानों को जागरूक किया गया।
इसके पश्चात सांसद, जिलाधिकारी व मुख्य विकास अधिकारी द्वारा विज्ञान क्लब सिद्धार्थनगर के नव प्रवर्तक सम्मान समारोह में अभिषेक चौधरी को किसान मित्र रोबोट बनाने पर, राज चौधरी को अंधों की छड़ी बनाने पर, हंसराज को गैस चालित पंपिंग सेट, अभय कुमार को केले के रेशे से विभिन्न सामग्री बनाने, मनीष कुमार को महिला सुरक्षा हेतु इलेक्ट्रिक चूल्हा, चप्पल बनाने, मुहम्मद अहमद को हर्बल औषधि बनाने पर अंगवस्त्र एवं प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर उप कृषि निदेशक राजेश कुमार, जिला कृषि अधिकारी मो0 मुजम्मिल, जिला भूमि संरक्षण अधिकारी, जिला गन्ना अधिकारी, अन्य अधिकारीगण व किसान आदि उपस्थित रहे।





