पशु के प्रति क्रूरता निवारण के अधिकार विषय पर विधिक साक्षरता शिविर आयोजित

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अवधनामा संवाददाता

सहारनपुर। राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ से प्राप्त एक्शन प्लान माह सितम्बर के अन्तगत जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष व जनपद न्यायाधीश श्रीमती बबीता रानी के निर्देशन में आज बिल क्लींटन स्कूल रामपुर मनिहारान में पशु के प्रति क्रूरता निवारण के अधिकार विषय पर विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया, जिसमंे विद्यालय के छात्र-छात्राये एवं टीचर्स ने प्रतिभाग किया।
शिविर को सम्बोधित करते हुए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव श्रीमती सुमिता ने कहा कि पशु पर्यावरण को संतुलित रखने के आवश्यक अगं है, इसका संरक्षण जरूरी है क्रूरता से तात्पर्य शारीरिक व मानसिक पीडा है। दिन प्रतिदिन पशु हम मनुष्यांे को काफी उपयोगी चीजे प्रदान करते है ऐसी स्थिति में हम सबकी जिम्मेदारी है कि उनके प्रति सवेदनशील बने, उनके प्रति दया का भाव रखे। पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 की धारा 11 मे व्यापक प्रावधान है जिसके तहत पशुओं मे किसी प्रकार की यातना व शारीरिक कष्ट देना दण्डनीय है और उक्त प्रावधान के तहत कम से कम तीन माह और अधिकतम 5 साल की सजा हो सकती है। वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट 1972 मे यह प्रावधान है कि जंगली जानवर जो इस एक्ट में अधिसूचित है उनकों तगं या परेशान करना दण्डनीय अपराध है इसमें 25 हजार तक जुर्माना हो सकता है। पशुओ की सुरक्षा की बात भारतीय संविधान के अनुच्छेद 51 ए(जी) में की गयी है। संविधान मे दिये गये प्राविधान की मंशा यह है कि प्रत्येक व्यक्ति जीवांे के प्रति सहानूभूतिपूर्ण व्यवहार करे। किसी भी पशु को सिर्फ पंजीकृत बूचडखाने मे ही काटा जा सकता है। बीमार व गर्भ धारणकर चुके पशुओ को बूचडखाने मे नही काटा जा सकता। पशुओ के पालकों पर यह गुरूत्तर जिम्मेदारी है कि उनका रखरखाव ठीक ढंग से करे। पशु क्रूरता अधिनियम की धारा22(2) के तहत भालू, बन्दर, बाघ, तेन्दुए, शेर को मंनोरजन के लिये इस्तेमाल करना गैरकानूनी है। संरक्षित पशुओ को कैद करना व शिकार करना भी गैर कानूनी है। सलाटर हाउस रूल्स 2001 के तहत पशु बलि को अवैध घोषित किया गया है। उत्तर प्रदेश मे गौवध दण्डनीय अपराध है सरकार द्वारा गायांे के इलाज के लिये हैल्प नम्बर भी जारी किया है जिसके जरिये आम जनता बीमार, घायल गाय की मदद कर सकता है। इस अवसर पर विद्यालय की अध्यक्षा रामरती एजूकेशन काम्पलेक्स श्रीमती राज कमल सक्सैना, प्रधानाचार्य डा0 एस0पी0 सिंह, विधालय के सभी शिक्षकगण एवं छात्र एवं छात्रायें उपस्थित रही।

 

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