शपथ ग्रहण समारोह से पहले जम्मू-कश्मीर के भावी मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बुधवार को श्रीनगर में “शेर-ए-कश्मीर” शेख मोहम्मद अब्दुल्ला की मजार-ए-अनवर पर पुष्पांजलि अर्पित की। उमर अब्दुल्ला के दादा शेख मोहम्मद अब्दुल्ला भारत में विलय के बाद जम्मू-कश्मीर के पहले प्रधानमंत्री थे और बाद में मुख्यमंत्री भी रहे। उमर के पिता फारूक अब्दुल्ला तीन बार पूर्ववर्ती राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके हैं।
प्रार्थना के बाद बोलते हुए उमर अब्दुल्ला ने कहा कि उनकी सरकार को क्षेत्र के लोगों के लिए बहुत कुछ करना है। हमें लोगों को यह उम्मीद देनी होगी कि यह उनकी सरकार है और उनकी बात सुनी जाएगी। पिछले 5-6 सालों से उनकी बात नहीं सुनी जा रही थी। उनकी बात सुनना और उस पर अमल करना हमारी जिम्मेदारी होगी।
उन्होंने कहा कि मेरी कुछ अजीबोगरीब विशिष्टताएं हैं। मैं छह साल का कार्यकाल पूरा करने वाला आखिरी मुख्यमंत्री था। अब मैं केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर का पहला मुख्यमंत्री बनूंगा। उन्होंने कहा कि मैं इससे काफी खुश हूं। मुझे उम्मीद है कि केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा अस्थायी है। हम लोगों की समस्याओं को हल करने के लिए भारत सरकार के साथ मिलकर काम करना होगा और ऐसा करने का सबसे अच्छा तरीका जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करवाना होगा।
शपथ ग्रहण समारोह श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर (एसकेआईसीसी) में होगा और अब्दुल्ला को उनके मंत्रिपरिषद के साथ पद की शपथ जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा दिलाएंगे। अनुच्छेद 370 के निरस्त होने और पूर्व राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में पुनर्गठित करने के बाद यह जम्मू-कश्मीर में पहली निर्वाचित सरकार होगी।