यूपी में मिल रहा नर्सिंग सेवा को भरपूर प्रोत्साहन : डॉ आलोक कुमार

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अवधनामा संवाददाता

गोरखपुर। उत्तर प्रदेश स्टेट मेडिकल फैकल्टी के प्रमुख सचिव डॉ. आलोक कुमार ने कहा कि नर्सिंग सेवा समूचे स्वास्थ्य तंत्र का अपरिहार्य अंग है। इसके बिना स्वास्थ्य सुविधाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन की उम्मीद बेमानी होगी। इसकी महत्ता के कारण ही उत्तर प्रदेश में नर्सिंग सेवाओं को निरंतर व भरपूर प्रोत्साहित किया जा रहा है। नर्सिंग शिक्षा के क्षेत्र में प्रगति को देखकर यह कहा जा सकता है कि आने वाले दिनों में यूपी नर्सिंग शिक्षा का हब बनेगा।

डॉ. आलोक कुमार रविवार को महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय, आरोग्यधाम गोरखपुर के अंतर्गत संचालित गुरु श्री गोरक्षनाथ कॉलेज ऑफ नर्सिंग में ‘स्वास्थ्य सेवाओं की नई चुनौतियां एवं नर्सों की भूमिका’ विषय पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी के समापन समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार नर्सिंग क्षेत्र को लेकर बेहद संवेदनशील है। प्रयास है कि आवश्यकता के अनुरूप प्रशिक्षित और दक्ष नर्सों की संख्या में कोई कमी न रहे। इस लक्ष्य को पूरा करने में गुरु श्री गोरक्षनाथ कॉलेज ऑफ नर्सिंग भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। डॉ. आलोक कुमार ने राष्ट्रीय संगोष्ठी में प्रस्तुत शोध पत्रों और छात्रों की सराहना की। साथ शिक्षकों से कहा कि नर्सिंग छात्रों को पढ़ाने का तरीका ऐसा हो कि आपको वह याद करें। शोध के लिए उन्हें प्रेरित करें तथा नर्सिंग म्यूजियम में पुराने शोध पत्र भी रखें l उन्होंने शिक्षकों और छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा स्वास्थ्य के क्षेत्र में स्वामी विवेकानंद जी का वाक्य सदैव याद रखना चाहिए, ‘उठो जागो और लक्ष्य की प्राप्ति तक रूको मत।’ इस अवसर पर उन्होंने मिशन निरामया के अंतर्गत प्लेसमेंट, स्किल डेवलपमेंट तथा रेटिंग कॉलेज के संबंध में भी चर्चा की।

विशिष्ट अतिथि मुख्यमंत्री के आर्थिक सलाहकार डॉ. केवी राजू ने राष्ट्रीय संगोष्ठी के महत्व को स्पष्ट करते हुए कहा कि राष्ट्रीय संगोष्ठी में शामिल प्रतिभागियों को पिछले दिनों के अनुभव के आधार पर छह बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। मसलन, अनुसंधान विधियों पर एक कोर्स होना चाहिए। उन्होंने कहा कि शोध पत्रों का उचित मूल्यांकन होना चाहिए। विभिन्न अच्छे संस्थानों को जोड़कर कांफ्रेंस होनी चाहिए। सेमिनार में क्विक लर्निंग आवश्यक है। भारतीय परिप्रेक्ष्य में अनुसंधान कथनों का उपयोग का उल्लेख करना चाहिए। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तथा रोबोट को कैसे हैंडल करें, यह नर्सों को को सिखाया जाए। विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित उत्तर प्रदेश स्टेट मेडिकल फैकल्टी की कंसल्टेंट डॉ नीतू देवी ने कहा कि नर्सिंग में अवसरों की पर्याप्त उपलब्धता है। इस दृष्टि से उत्तर प्रदेश महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। उन्होंने शिक्षकों से अनुरोध किया कि हर नर्सिंग छात्र के सीखने की प्रवृत्ति पर उन्हें व्यक्तिगत ध्यान भी देना होगा ताकि छात्र अपने कौशल में पारंगत हो।

राष्ट्रीय संगोष्ठी के संरक्षक, महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के अध्यक्ष एवं पूर्वांचल विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो यूपी सिंह ने अपने आशीर्वचन में राष्ट्रीय संगोष्ठी के कार्य को सराहा। उन्होंने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में हमेशा से लड़कियां अग्रणी रही हैं। शिक्षा और स्वास्थ्य की समस्याओं से निपटने के लिए इस विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित नर्सिंग कॉलेज, आयुर्वेद कॉलेज, पैरामेडिकल कॉलेज अपनी भूमिका प्रस्तुत कर रहे हैं।

समापन समारोह में विशिष्ट व्याख्यान देते हुए कार्यक्रम अध्यक्ष एवं सत्र के रिसोर्स पर्सन महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय गोरखपुर के कुलपति मेजर जनरल डॉ अतुल वाजपेयी ने ‘ज्ञान और स्वास्थ्य सेवाओं की संवेदना में संतुलन’ विषय पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि नर्सों को रोग विचार और बीमारी के बीच संबंध बैठाकर मरीज को ठीक करना होता है। नर्सों के महत्व को स्पष्ट करते हुए उन्होंने प्राचीन साहित्य के दो प्रतीक उद्धरण, हनुमान जी व गणेश जी के प्रसंग से नसों को सीख लेने के लिए प्रेरित किया। सार यह कि नर्सों को मानव धर्म के अनुरूप ध्यान केंद्रीयकरण कर बेहतर श्रोता बनकर त्याग भाव से कार्य करना चाहिए।
इसी क्रम में गुरु गोरक्षनाथ इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (आयुर्वेद कॉलेज) के प्राचार्य डॉ. मंजूनाथ एनएस ने आयुर्वेद में नर्सिंग विषय पर व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा कि नर्स मे अनुरक्ति, दक्षता, बुद्धिमत्ता जैसे गुण विशेष रूप से होने चाहिए। उन्होंने पंचकर्म आदि विधियों में नर्सों की भूमिका पर भी प्रकाश डाला। कार्यक्रम में अतिथियों को कुलसचिव डॉ. प्रदीप कुमार राव तथा नर्सिंग कॉलेज की प्राचार्य डॉ. डीएस अजीथा ने स्मृति चिन्ह तथा पुस्तक भेंट कर सम्मानित किया। धन्यवाद ज्ञापन प्राचार्य डॉ. डीएस अजीथा ने किया।

रविवार को छठवें तकनीकी सत्र की को- चेयरपर्सन डॉ. सारिका सक्सेना, उप प्राचार्य कॉलेज आफ नर्सिंग जीआईएमएस ग्रेटर नोएडा, ने अपने उद्बोधन में कहा कि नर्सों में रोगी के प्रति ‘केयर’ और ‘प्रिवेंशन’ का भाव होना चाहिए। उन्होंने बच्चों की देखभाल में नर्सों की भूमिका को बारीकी से समझाया। सत्र में आरोही, अश्विनी पांडेय, कविता, मीरा कुमारी सहित विभिन्न शोधार्थियों ने शोध पत्र का वाचन किया। राष्ट्रीय संगोष्ठी के पोस्टर प्रेजेंटेशन मे प्रथम श्रीया पांडेय, द्वितीय अंजली सिंह के साथ निधि कुमारी, शालिनी तथा कौशांब कुमार को अतिथियों द्वारा पुरस्कृत किया गया l

विभिन्न सत्रों का संचालन श्रीमती आस्था यादव, श्रीमती अंजलि गुप्ता ने तथा स्वागत भाषण शांभवी श्रीवास्तव ने दिया। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से उप प्रबंधक जी.के. मिश्रा, काउंसलर श्रीमती शीलम वाजपेयी, प्रभु एम, कुंवर अभिनव सिंह, राजकिशोर तिवारी, शुभम कुमार मौर्य, सोशन जी, अनामिका जायसवाल, डॉ शिवम कुमार प्रजापति, खुशबू मोदनवाल, सलोनी, आराधना यादव, सत्यभामा, दीक्षा, उज्ज्वल त्रिपाठी, अक्षय, गुंजन सिंह, सोशन डैन, श्रुति कुशवाहा, प्राची यादव, नैना सिंह रिंकी सिंह, आरोही गुंजन सिंह, सत्यभामा, अनामिका जायसवाल, निधि सिंह, डॉ. सुबोध कुमार मिश्रा, डॉ इच्छवाकु प्रताप सिंह, हरकेश यादव, डॉ.अखिलेश डॉ. हनुमान प्रसाद उपाध्याय, विनय कुमार सिंह, डॉ. अभिषेक सिंह, डॉ रमाकांत दुबे, डॉ अनूप पाण्डेय, श्रीकांत मणि त्रिपाठी, ब्रह्मानंद, डॉ संदीप श्रीवास्तव, डॉ अभय प्रताप सिंह, आदित्य प्रजापति, अमरेश चौधरी, संजीव गुप्ता, अनूप चौहान आदि की सक्रिय सहभागिता रही।

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