केंद्र सरकार ने विदेश मंत्री एस जयशंकर की सुरक्षा में इजाफा किया है। अब उनके काफिले में एक अतिरिक्त बुलेटप्रूफ वाहन जोड़कर उनकी सुरक्षा बढ़ाई गई है। विदेश मंत्री एस जयशंकर को वर्तमान में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) से Z श्रेणी की सशस्त्र सुरक्षा प्राप्त है उनको अब देशव्यापी आवागमन के लिए उन्नत सुरक्षा वाहन उपलब्ध कराया जाएगा।
केंद्र सरकार ने विदेश मंत्री एस जयशंकर की सुरक्षा में इजाफा किया है। एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि उनके काफिले में एक अतिरिक्त बुलेटप्रूफ वाहन जोड़कर उनकी सुरक्षा बढ़ाई गई है।
क्यों बढ़ाई गई एस जयशंकर की सुरक्षा?
विदेश मंत्री एस जयशंकर को वर्तमान में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) से ‘Z’ श्रेणी की सशस्त्र सुरक्षा प्राप्त है, उनको अब देशव्यापी आवागमन के लिए उन्नत सुरक्षा वाहन उपलब्ध कराया जाएगा।
सीआरपीएफ ने यह निर्णय भारत-पाकिस्तान तनाव से जुड़े हाल के खतरे के आकलन के बाद लिया, जिसमें सुरक्षा बढ़ाने की आवश्यकता बताई गई थी। गौरतलब है कि पिछले साल अक्टूबर में जयशंकर की सुरक्षा को ‘Y’ से बढ़ाकर ‘Z’ श्रेणी का कर दिया गया था। सीआरपीएफ ने दिल्ली पुलिस से जयशंकर की सुरक्षा का जिम्मा अपने हाथ में ले लिया था।
किन-किन लोगों को सुरक्षा प्रदान करती है CRPF?
सीआरपीएफ वर्तमान में 210 से अधिक लोगों को वीआईपी सुरक्षा प्रदान कर रही है, जिनमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, नितिन गडकरी, दलाई लामा और कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा शामिल हैं।
विदेश मंत्री की सुरक्षा बढ़ाने का फैसला 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत की निर्णायक सैन्य प्रतिक्रिया के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव के बाद लिया गया है।
ऑपरेशन सिंदूर
ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत 7 मई को की गई थी, जिसके तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया, जिसमें जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठनों से जुड़े 100 से अधिक आतंकवादियों को मार गिराया गया।
भारत के ऑपरेशन सिंदूर के बाद, पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा और जम्मू-कश्मीर में सीमा पार से गोलाबारी की और साथ ही सीमावर्ती क्षेत्रों में ड्रोन हमलों का प्रयास किया।
जिसके बाद भारत ने एक समन्वित हमला किया और पाकिस्तान के 11 एयरबेसों में रडार बुनियादी ढांचे, संचार केंद्रों और हवाई क्षेत्रों को क्षतिग्रस्त कर दिया। इसके बाद, 10 मई को भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम की घोषणा की गई।