अवधनामा संवाददाता
अयोध्या। जिला चिकित्सालय अयोध्या में हर मंगलवार को होगी फाइलेरिया की जांच फाइलेरिया इंस्पेक्टर रितेश कुमार ने बताया कि कई मरीजों की जांच रात्रि क्लीनिक में किया गया । उन्होंने बताया कि जिला चिकित्सालय में फाइलेरिया से पीड़ित मरीज हर मंगलवार को अपनी जांच करवा सकते है उन्होंने बताया कि फाइलेरिया के लक्षण आमतौर पर फाइलेरिया के कोई लक्षण स्पष्ट रूप से दिखाई नहीं देते। हालांकि बुखार, बदन में खुजली और पुरुषों के जननांग और उसके आस-पास दर्द व सूजन की समस्या होती है। इसके अलावा पैरों और हाथों में सूजन, हाइड्रोसिल (अंडकोषों की सूजन) भी फाइलेरिया के लक्षण हैं। चूंकि इस बीमारी में हाथ और पैरों में हाथी के पांव जैसी सूजन आ जाती है, इसलिए इस बीमारी को हाथीपांव कहा जाता है। वैसे तो फाइलेरिया का संक्रमण बचपन में ही आ जाता है, लेकिन कई सालों तक इसके लक्षण नजर नहीं आते। फाइलेरिया न सिर्फ व्यक्ति को विकलांग बना देती है बल्कि इससे मरीज की मानसिक स्थिति पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है।
ऐसे करें फाइलेरिया से बचाव- फाइलेरिया चूंकि मच्छर के काटने से फैलता है, इसलिए बेहतर है कि मच्छरों से बचाव किया जाए। इसके लिए घर के आस-पास व अंदर साफ-सफाई रखें- पानी जमा न होने दें और समय-समय पर कीटनाशक का छिड़काव करें। फुल आस्तीन के कपड़े पहनकर रहें। इस मौके पर दुर्गेश चंद्र टेक्नीशियन बालकराम फील्ड वर्कर ही मौजूद रहे।