चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच से मोबाइल कंपनियों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने एजीआर देनदारी को लेकर दाखिल मोबाइल कंपनियों की क्यूरेटिव याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट ने 30 अगस्त के अपने फैसले में टेलीकॉम टेलीकॉम कंपनियों की खुली अदालत में मामले की सुनवाई की मांग भी खारिज कर दी।
टेलीकॉम कंपनियों ने मामले में वर्ष 2019 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ क्यूरेटिव याचिका दायर कर कहा था कि टेलीकॉम विभाग की ओर से बकाया के लिए की गई गणना में गंभीर त्रुटि है। 24 अक्टूबर, 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने एजीआर की सरकारी परिभाषा को सही बताते हुए टेलीकॉम कंपनियों को 92,000 करोड़ चुकाने का आदेश दिया था। कंपनियों का कहना था कि एजीआर में सिर्फ लाइसेंस फीस और स्पेक्ट्रम चार्ज आते हैं, जबकि सरकार रेंट, डिविडेंड, संपत्ति बेचने से लाभ जैसी कई चीजों को भी शामिल बता रही थी।