निसान मोटर इंडिया और स्माइल ट्रेन ने सर्जिकल पहल से 290 बच्चों का जीवन बदला

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नई दिल्ली। और गुरुग्राम, 13 मई, 2024: निसान मोटर इंडिया ने स्माइल ट्रेन इंडिया के साथ अपनी सफल कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (सीएसआर) साझेदारी का जश्न मनाया है। इसके तहत बच्चों और उनके परिवारों के साथ नई दिल्ली के संत परमानंद अस्पताल में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम मेंवंचित समुदाय के बच्चों की क्लेफ्ट सर्जरी की दिशा में साझा प्रयासों के प्रभाव पर प्रकाश डाला गया। कार्यक्रम में निसान मोटर इंडिया के प्रबंध निदेशक श्री सौरभ वत्स, स्माइल ट्रेन इंडिया के प्रतिनिधियों और प्रसिद्ध प्लास्टिक सर्जन डॉ. एससी सूद ने भाग लिया।

इस साझेदारी के तहत निसान के समर्थन से वित्त वर्ष 2023 की चौथी तिमाही में 290 क्लेफ्ट सर्जरी को अंजाम दिया गया। इससे समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के बच्चों के लिए उनका जीवन बदलने वाला उपचार प्राप्त करना संभव हुआ। बच्चों की सर्जरी स्माइल ट्रेन इंडिया के सहयोगी अस्पतालों में की गईं, जिससे जरूरतमंद लोगों के लिए गुणवत्तापूर्ण इलाज तक पहुंच सुनिश्चित हुई।

कार्यक्रम में निसान मोटर इंडिया के प्रबंध निदेशक श्री सौरभ वत्स ने कहा, “स्माइल ट्रेन इंडिया के साथ हमारा जुड़ाव कॉर्पोरेट नागरिकता, सामाजिक जिम्मेदारी और समावेशन के प्रति निसान की प्रतिबद्धता का एक उदाहरण है। इस साझेदारी के माध्यम सेहमने इस महत्वपूर्ण स्वास्थ्य समस्या का समाधान करने और इससे प्रभावित लोगों के जीवन में सार्थक बदलाव लाने का लक्ष्य रखा है। हमने गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा का प्रभाव प्रत्यक्ष रूप से देखा है और हमने सामूहिक रूप से जो सकारात्मक बदलाव हासिल किया है, उस पर हमें बेहद गर्व है।”

स्माइल ट्रेन की सीनियर वाइस प्रेसिडेंट और एशिया की रीजनल डायरेक्टर ममता कैरोल नेइस समस्या के समाधान की दिशा में समर्थन के लिए निसान मोटर इंडियाका आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “निशुल्क, सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण क्लेफ्ट ट्रीटमेंट का समर्थन करना स्माइल ट्रेन इंडिया की पहली प्राथमिकता है। हमारे सीएसआर साझेदार इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। निसान मोटर इंडिया के साथ सहयोग ने न केवल प्रभावित बच्चों को स्वस्थ एवं पूर्ण जीवन जीने में सक्षम बनाया है, बल्कि उनके माता-पिता एवं परिवार के सदस्यों के जीवन की गुणवत्ता में भी उल्लेखनीय वृद्धि की है।”

जन्म के समय से ही ऊपरी होंठ और/या तालू के बीच अंतर को क्लेफ्ट या कटे हुए होंठ की समस्या कहा जाता है। 700 शिशुओं में से एक इससे पीड़ित होता है। भारत में हर साल 35,000 से अधिक बच्चे क्लेफ्ट के साथ पैदा होते हैं। उपचार न किया जाए तो बच्चों को खाने, सांस लेने, सुनने, बोलने में कठिनाई होती है और उन्हें सामाजिक स्तर पर भेदभाव का सामना करना पड़ सकता है।

प्रभावित बच्चों में से 42% लड़कियां हैं। उन्हें अब स्कूल जाने, करियर में आगे बढ़ने और लाभकारी रोजगार पाने का बेहतर मौका मिलेगा। हैरानी की बात है कि आज भी क्लेफ्ट के साथ पैदा होने वाली कई बच्चियों को अक्सर जन्म के समय ही त्याग दिया जाता है। निसान के समर्थन से इन लड़कियों को न केवल एक नई मुस्कान मिली है, बल्कि भेदभाव और सामाजिक अलगाव से मुक्त होकर एक नया जीवन जीने का मौका भी मिला है।

इसके अतिरिक्त, 56% यानीआधे से अधिक लाभार्थी (161) दो वर्ष या उससे कम आयु के शिशु हैं। कम उम्र में क्लेफ्ट का इलाज करके निसान और स्माइल ट्रेन इंडिया ने इन बच्चों के जीवन के उस कष्टकारी समय को कम कर दिया है, जिसमें इन्हें विकलांग के रूप में भेदभाव का सामना करना पड़ता। इसके अतिरिक्त, लाभार्थियों में से 38% (110 बच्चे) दो से 18 वर्ष के आयु वर्ग के और 6% लाभार्थी 18 वर्ष से ऊपर के हैं। यह आंकड़ा समय पर मदद पाने के लिए संघर्ष कर रहे क्लेफ्ट रोगियों के बैकलॉग को पूरा करने की तत्काल जरूरत पर बल देता है।

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