तकरीबन पांच सौ साल पहले दिया गया नाम इलाहबाद को उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने प्रयागराज कर दिया है. इसका कारण क्या है? मुगलो ने इस शहर का नामकरण किया था सिर्फ इस वजह से नाम को बदला गया है.
गंगा-यमुना की संगम नगरी के नाम से प्रख्यात इलाहाबाद को ये नाम मुगलो ने 444 साल पहले दिया था. पिछले शनिवार कहा था कि मार्गदर्शक मंडल की बैठक में हर तबके, विशेषकर अखाड़ा परिषद, प्रबुद्ध वर्ग से एक प्रस्ताव आया है कि इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज किया जाए. पुराणों के अनुसार इलाहाबाद का पहले नाम प्रयागराज ही था.
इतिहास की किताबो के अनुसार अकबर ने करीब 1574 में इस शहर में एक किले की नींव रखी थी. जिसके बाद नया शहर बसाया और नाम इलाहाबाद रखा गया. इससे पहले इस शहर को प्रयागराज के नाम से ही जाना जाता था.
योगी सरकार के इस फैसले पर सियासी सरगर्मियां भी तेज़ हो गयी हैं. राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा कि प्रयाग कुंभ का नाम केवल प्रयागराज किया जाना और अर्द्धकुंभ का नाम बदलकर ‘कुंभ’ किया जाना परंपरा और आस्था के साथ खिलवाड़ है.