न कोई निवेश, न परिवेश, बेरोजगारी से त्रस्त प्रदेश: कुमारी सैलजा

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सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि भाजपा के राज में न कोई निवेश, न कोई परिवेश, प्रदेश का युवा बेरोजगारी से त्रस्त है। ईपीएफओ की रिपोर्ट बेरोजगारी से त्रस्त युवा और बढ़ती बेरोजगारी की कलई खोल रही है। पहले नौकरी पाने वालों की संख्या पांच लाख घटी है। देश में एक साल में निजी क्षेत्र में सात लाख जॉब कम हुई है।

बुधवार काे जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि रोजगार के नाम भाजपा की सरकार युवाओं को गुमराह कर रही है। उन्होंने कहा कि 22 जुलाई को लोकसभा में पेश इकोनामिक सर्वे में सरकार ने खुद कहा है कि अच्छी ग्रोथ और गैर सरकारी क्षेत्र में हर साल 78 लाख नौकरियां चाहिए, पर कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) का ताजा पेरोल डाटा बताता है कि वित्त वर्ष 2023-24 में पिछले साल के मुकाबले 07 लाख नौकरियां कम हो रही हैं, जो पिछले पांच साल में सबसे बड़ी गिरावट है।

कोरोना काल में एक लाख की गिरावट आई थी। हरियाणा में 9.47 प्रतिशत नौकरियां कम हुई है। नौकरियों में गिरावट मैन्युफैक्चरिंग, आईटी और सर्विस सेक्टर में सबसे ज्यादा आई है। उन्होंने कहा कि इस साल देश में डेढ़ करोड़ ग्रेजूएट तैयार हो रहे है, इसमें 20 लाख नौकरियों में वृद्धि हो रही है। उन्होंने कहा कि आंकडे बताते हैं कि महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक, गुजरात और हरियाणा ऐसे पांच राज्य हैं, जहां पर तेजी से प्राइवेट सेक्टर में रोजगार के अवसर कम हो रहे हैं।

उन्होंने कहा है कि पहली बार नौकरी पाने वाले करीब 05 लाख घट रहे हैं। स्वेच्छा से नौकरी छोड़ने वालो की संख्या भी बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि देश में हर साल 15 प्रतिशत ज्यादा नौकरी चाहिए, वर्ष 2023-24 में करीब 1.06 करेाड लोग जॉब मार्केट में आए थे इस साल इनकी संख्या बढ़कर 1.20 करोड़ हो सकती है। उन्होंने कहा कि सरकार युवाओं को रोजगार देने का दावा करती है, पर आंकड़े उसकी पोल खोल रहे हैं। उन्होंने कहा कि एचकेआरएन के माध्यम से नौकरी देकर सरकार भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है।

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