कानपुर। (Kanpur) आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (All India Muslim Personal Law Board) ने अब निकाह को आसान बनाने, दहेज का बहिष्कार (Disfellowship) करने और शादियों में फिजूलखर्ची रोकने के लिए इकरारनामा जारी किया है। 11 बिंदुओं वाले इकरारनामे से फिजूलखर्ची रुकेगी, जबकि निगाह सादगी के साथ हो सकेगा। इसमें मैरिज हाल के बजाय मस्जिदों में सादगी से निकाह करने, सिर्फ बाहर से आने वाले मेहमानों व घर वालों के लिए ही दावत का इंतजाम किए जाने की भी अपील की गई है।
निकाह में गलत रस्मों (Rituals )को खत्म करने के लिए ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (All India Muslim Personal Law Board)ने 10 दिवसीय अभियान (campaign )शुरू किया है। छह अप्रैल तक चलने वाले अभियान (campaign )के तहत बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना सय्यद राबे हसनी नदवी (Rabe Hasani Nadvi ) व महासचिव मौलाना वली रहमानी (Wali Rahmani) ने इकरारनामा जारी किया है। इकरारनामे का जमीयत उलमा ङ्क्षहद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ,( Arshad Madni) किछोछा शरीफ (Kichhocha Sharif ) के सज्जादानशीन मौलाना फखरुद्दीन जीलानी, (Fakhruddin Jilani )जमीयत अहले हदीस ङ्क्षहद के मौलाना असगर अली इमाम मेहदी सलफी, (Asghar Ali Imam Mehdi Salafi,) जमात ए इस्लामी हिंद के अमीर सआदतउल्लाह हुसैनी, (Saadatullah Hussaini,)मजलिस उलमा ए ङ्क्षहद के महासचिव मौलाना कल्बे जवाद (Kalbe Jawad )ने समर्थन किया है।