ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की मीटिंग 17 नवंबर को होगी। वकील जफरयाब जिलानी ने कहा है कि इस बैठक में मुस्लिम पक्ष निर्णय लेगा कि उन्हें क्या अयोध्या पर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले पर पुनर्विचार याचिका दाखिल करनी है या नहीं।
हालांकि, फैसला आने के फ़ौरन बाद जफरयाब जिलानी ने कहा था कि हम पुनर्विचार याचिका दायर नहीं करेंगे। बाद में उन्होंने कहा था कि हम मीटिंग में फैसला लेंगे। वहीं, एक और मुस्लिम पक्षकार इकबाल अंसारी ने भी पुनर्विचार याचिका दायर करने से मना कर दिया है।
न्यूज़ ट्रैक पर छपी खबर के अनुसार, शीर्ष अदालत ने शनिवार को अयोध्या मामले पर फैसला सुनाया। फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को निर्देश दिया कि सुन्नी वक्फ बोर्ड को अयोध्या में मस्जिद निर्माण के लिए 5 एकड़ जमीन उपलब्ध कराने का इंतज़ाम किया जाए।
अदालत के इस फैसले पर असदुद्दीन ओवैसी ने नाराजगी जताते हुए कहा कि मुस्लिम समाज अपने कानूनी अधिकार की लड़ाई लड़ रहा है और उसे कतई किसी खैरात की आवश्यकता नहीं है।
ओवैसी ने फैसले के बाद अपने एक बयान में कहा था कि, ‘हम लोग अपने कानूनी हक की लड़ाई लड़ रहे हैं। मेरे खयाल से हमें 5 एकड़ जमीन का प्रस्ताव ठुकरा देना चाहिए।
हमें किसी सरपरस्ती की जरुरत नहीं है।’ हालांकि, अधिकांश लोगों ने अदालत के फैसले का स्वागत किया है, साथ ही दोनों समुदाय से शांति बनाए रखने की अपील की है।