आपदा प्रबंधन प्राधिकरण एवं मुक्त विश्वविद्यालय के मध्य एमओयू पर हस्ताक्षर

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अवधनामा संवाददाता

प्रयागराज :  उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय, प्रयागराज एवं उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, लखनऊ   ने बृहस्पतिवार को प्रभावी आपदा प्रबंधन हेतु विभिन्न विषयों पर परस्पर सहमति पत्र पर संयुक्त रूप से हस्ताक्षर किए गए। कार्यक्रम में  प्रोफेसर सीमा सिंह, कुलपति, उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय, प्रयागराज  एवं ले. ज. रविंद्र प्रताप शाही, एवीएसएम, उपाध्यक्ष, उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, लखनऊ ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय की  कुलपति प्रोफेसर सीमा सिंह ने कहा कि एमओयू हो जाने से विश्वविद्यालय में आपदा प्रबंधन पर प्रथम चरण में जागरूकता एवं प्रमाण पत्र कार्यक्रम प्रारंभ किए जाएंगे। जिसमें करिकुलम बनाने में उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण लखनऊ से तकनीकी सहयोग प्राप्त किया जाएगा तथा इससे पठन-पाठन में प्राधिकरण का सतत सहयोग रहेगा। विश्वविद्यालय में इस कार्यक्रम के प्रारंभ होने से प्राधिकरण के प्रशिक्षित स्वयंसेवकों की संख्या उत्तर प्रदेश के समस्त जिलों में बढ़ेगी।
प्रोफेसर सिंह ने कहा कि दोनों संस्थाओं के आपसी समन्वय से आपदा प्रबंधन जैसे ज्वलंत समस्याओं का त्वरित समाधान  किया जाएगा । इससे प्रदेश की जनता को सार्थक परिणाम प्राप्त होंगे।
इस अवसर पर लेफ्टिनेंट जनरल रविंद्र प्रताप शाही, एवीएसएम, उपाध्यक्ष, उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने बताया कि एमओयू का मुख्य उद्देश्य माननीय प्रधानमंत्री के 10 सूत्री एजेंडे के अनुसार कुशल एवं प्रभावी आपदा प्रबंधन हेतु संयुक्त रूप से विश्वविद्यालयों का एक नेटवर्क विकसित किया जाना है तथा माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा निर्गत निर्देशों के अनुसार प्रदेश में आपदाओं से शून्य जनहानि के लक्ष्य के अनुरूप संयुक्त रूप से कार्य किए जाने हैं। जिससे आपदा हानियों को न्यूनतम किया जा सके व आपदाओं के प्रति जागरूकता में वृद्धि की जा सके।
इस अवसर पर ब्रिगेडियर प्रमोद कुमार सिंह वरिष्ठ सलाहकार, उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर प्रवीण किशोर, प्रोफेसर पी पी दुबे, कुलसचिव, उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय तथा प्रोफेसर ओम जी गुप्ता, वरिष्ठ सलाहकार, आंतरिक गुणवत्ता सुनिश्चियन प्रकोष्ठ (सीका) आदि उपस्थित रहे।

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