मध्‍यप्रदेश में फि‍र से मानसून ने पकड़ी रफ्तार, 7 जिलों में आज अति भारी बारिश का रेड अलर्ट

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भोपाल, जबलपुर समेत कई जिलों में रातभर से हो रही बारिश

राजधानी भोपाल सहित प्रदेश के कई जिलों में बारिश का सिलसिला जारी है। भोपाल, नर्मदापुरम, जबलपुर, दमोह, टीकमढ़ समेत कई जिलों में मंगलवार-बुधवार की दरमियानी रात रुक-रुक कर बारिश होती रही। सुबह 7 बजे भी कई जिलों में कहीं तेज तो कहीं रिमझिम हो रही है। मौसम विभाग ने आज बुधवार को विदिशा, रायसेन, सीहोर, नर्मदापुरम, हरदा, गुना और अशोकनगर में अति भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है। अगले 24 घंटे में 21 जिलों में भारी बारिश हो सकती है। वहीं, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर में भी तेज पानी गिरने का अनुमान है।

मौसम विभाग ने बताया कि ओडिशा के आसपास डीप डिप्रेशन बना है। यह ओडिशा पोस्ट को पार करते हुए मंगलवार सुबह उत्तरी छत्तीसगढ़ और इससे लगे क्षेत्रों में एक्टिव है। इस वजह से नर्मदापुरम, जबलपुर, भोपाल संभाग के कई जिलों में भारी बारिश का दौर जारी रहा। मानसून ट्रफ की पोजिशन प्रदेश के गुना, उमरिया होते हुए डिप्रेशन के सेंटर में है। साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम भी एक्टिव है। इन वजहों से बंगाल की खाड़ी से अधिक मात्रा में नमी आ रही है। अरब सागर से भी हवाएं आ रही हैं। इससे बारिश का स्ट्रॉन्ग सिस्टम एक्टिव हो गया है। अगले 24 घंटे में भी सिस्टम की एक्टिविटी बनी रहेगी। 12 सितंबर से सिस्टम थोड़ा कमजोर होगा लेकिन कई जिलों में तेज बारिश का दौर जारी रहेगा। भोपाल, सागर और ग्वालियर संभाग में 14 सितंबर तक यही स्थिति बनी रहेगी।

इससे पहले, मंगलवार को भोपाल, इंदौर, सिवनी, बालाघाट समेत 21 जिलों में तेज बारिश हुई। बालाघाट, मंडला-सिवनी जिलों में लोग बाढ़ में फंस गए। नौबत रेस्क्यू की बन आई। सिवनी में आज 12th क्लास तक सभी स्कूलों की छुट्‌टी घोषित करना पड़ी है। मंगलवार को सिवनी में 9 घंटे में 6.3 इंच बारिश हो गई। तेज बारिश के साथ ही बुधवार को आधिकारिक रूप से सामान्य बारिश का आंकड़ा भी पार हो जाएगा। अब तक प्रदेश में औसत 37.1 इंच पानी गिरा है। सामान्य बारिश 37.3 इंच के लिए सिर्फ 0.2 इंच पानी की जरूरत है यानी प्रदेश में 99 प्रतिशत बारिश हो चुकी है।

अब तक भोपाल-ग्वालियर समेत 30 जिलों में सामान्य से ज्यादा यानी 96 प्रतिशत से 170 प्रतिशत तक पानी गिर चुका है। इनमें श्योपुर में सबसे ज्यादा 170 प्रतिशत बारिश हो चुकी है। इंदौर, उज्जैन और रीवा संभाग पिछड़े हुए हैं। रीवा में सबसे कम 60 प्रतिशत यानी 23.3 इंच बारिश ही हुई है। सबसे ज्यादा बारिश मंडला जिले में 50.41 इंच हुई है। दूसरे नंबर पर सिवनी जिला है। यहां अब तक 49.35 इंच पानी गिर चुका है। श्योपुर में 46 इंच और डिंडौरी में 45 इंच से ज्यादा बारिश हो चुकी है। टॉप-10 जिलों में भोपाल पांचवें नंबर पर है। यहां 44 इंच से ज्यादा बारिश हो गई है। सीधी, छिंदवाड़ा, बालाघाट, रायसेन, नर्मदापुरम और सागर जिलों में भी अच्छा पानी बरसा है।

स्ट्रॉन्ग सिस्टम की वजह से प्रदेश के डैम-तालाब फिर छलक गए। भोपाल के पास कोलार डैम के 8 में से 2 गेट मंगलवार को खुले रहे। भोपाल के कलियासोत, भदभदा और केरवा डैम के गेट भी खोल दिए गए। वहीं, नर्मदापुरम में तवा डैम के 13 में से 9 गेट, बरगी बांध के 21 में से 11 और हलाली डैम के पांच गेट खोले गए हैं। विदिशा में हलाली डैम के 3 गेट, सिवनी में भीमगढ़ संजय सरोवर के 6 गेट, बालाघाट में राजीव सागर डैम के 5 गेट और धार जिले में जीराबाद डैम के 4 गेट खोले गए।

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