अवधनामा संवाददाता
ब्लॉक के कर्मचारियों की मिलीभगत से हो रही है पोखरे की खुदाई
पडरौना ब्लॉक के सखवानिया गांव का मामला
कुशीनगर। गांव में ही मजदूरों को रोजागर देने के लिये सरकार द्वारा चलाई जा रही महत्वाकांक्षी योजना मनरेगा कुछ ग्राम प्रधान व अधिकारियों की मिलीभगत से भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ता जा रहा है। लेकिन विभागीय अधिकारियों के कानों तक जु नही रेंग रहा है।
ग्रामीण मजदूरों को गांव में ही प्रति वर्ष कम से कम सौ दिन रोजगार देने की नियत से सरकार द्वारा मनरेगा योजना बनाई गई परंतु इस योजना में भी जम कर धांधली हो रही हैं। ग्राम प्रधानों द्वारा मजदूरों के बजाय मशीनों से काम लिया जा रहा है जिससे मजदूरों के सामने रोजी रोटी का संकट पैदा हो गया है। बता दें कि ज्यादातर गांवों में तालाब की खुदाई, कच्ची सड़को पर मिट्टी डालने व अन्य कुछ काम ग्राम पंचायतों द्वारा मनरेगा के मजदूरों से करवाया जाता है तथा कार्य पूर्ण होने के बाद संबंधित विभाग द्वारा उक्त मजदूरों के खाते में उनकी मजदूरी भेजी जाती हैं। परन्तु कुछ जगहों पर यह देखा जा रहा है कि ग्राम प्रधान द्वारा तालाब की खुदाई या ग्राम पंचायत की कच्ची सड़कों पर मिट्टी भरने का कार्य मजदूरों के बजाय जेसीबी मशीन से करा दिया जा रहा है एवं विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से कार्य का पैसा अपने चहेते लोगों के खाते में मंगा लिया जा रहा है जिससे असली मजदूरों के सामने रोजीरोटी का संकट पैदा हो जा रहा है जिसके कारण तेजी से मजदूरों का पलायन भी हो रहा है। हालांकि सरकार का यह सख्त निर्देश भी है कि मजदूरों की जगह जेसीबी मशीन इस्तेमाल ना हो परन्तु कुछ जगह दिन में तो कुछ जगह रात के अंधेरे में जेसीबी मशीन से काम लिया जा रहा है। यही हाल पडरौना ब्लाक के ग्राम पंचायत सखवनिया में भी देखने को मिला जिसमें सखवनिया-सपहा मार्ग पर शिव मंदिर के प्रांगण में स्थित तालाब की खुदाई में मजदूरों की बजाय जेसीबी मशीन से रात में खुदाई की जा रही हैं और मनरेगा के मजदूर काम की तलाश में दर दर भटकने को मजबूर हैं।
इस संबंध में बी डी ओ पडरौना ने कहा कि मनरेगा मजदूरों से ही काम करवाने का प्राविधान है अगर ऐसा नहीं हुआ है तो इस प्रकरण कि तुरंत जांच करवाई जायेगी।