अवधनामा ब्यूरो
नई दिल्ली. कोरोना जहाँ आम लोगों की कमर तोड़ने में लगा है वहीं प्रशासनिक अधिकारियों ने भी मदद न करने की कसम खा ली है. मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले के कलेक्टर का तो यह हाल है कि वह विधायकों का फोन उठाने में भी तकलीफ महसूस करते हैं.
मध्य प्रदेश में कई बार से विधायक डॉ. गोविन्द सिंह ने ग्वालियर के डीएम को एक दिन में 22 बार फोन किया लेकिन डीएम ने विधायक का फोन नहीं उठाया. विधायक ने दो कोरोना पीड़ितों की मदद के लिए डीएम को फोन किया था. थक हारकर विधायक डॉ. गोविन्द सिंह ने प्रदेश के कोरोना प्रभारी मंत्री प्रद्युम्न सिंह को फोन मिलाया. मंत्री ने विधायक की बात भी सुनी और फ़ौरन मदद भी की.
डीएम के व्यवहार से नाराज़ विधायक डॉ. गोविन्द सिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर डीएम की शिकायत की है. उन्होंने लिखा है कि नौकरशाहों को जनप्रतिनिधियों से सीधा संवाद करना चाहिए.
विधायक ने डीएम कौशलेन्द्र विक्रम सिंह को भी पत्र लिखकर इस बात की नाराजगी जताई है कि 22 बार फोन करने के बावजूद उन्होंने फोन नहीं उठाया. उन्होंने लिखा कि ग्वालियर के दंडाधिकारी होने के नाते आपकी ज़िम्मेदारी है कि आप संकट के समय जनता की मदद करें.
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विधायक डॉ. गोविन्द ने डीएम को लिखा कि निर्वाचित जनप्रतिनिधि के साथ आपके इस व्यवहार से मैं बहुत दुखी हूँ. मुझे कोई शौक नहीं है आपसे बात करने का. आपको जो प्रतिष्ठा का पद मिला है उसमें जन कल्याण का काम करें तो आपकी प्रतिष्ठा बढ़ेगी ही.