लखनऊ। (Lucknow) डाॅं0 अम्मार रिज़वी (Dr. Ammar Rizvi) अध्यक्ष आॅल इण्डिया माइनारिटीज़ फोरम फॅार डेमोकेसी ने कहा कि हज का विवाद इससे पहले विदेष मंत्रालय से सम्बन्धित था। पिछले तजुर्बो से यह साबित हुआ कि विदेष मंत्रालय में कार्य अधिक होने के कारण हज के मामलों पर इतनी तवज्जो चाहते हुए भी नहीं दी जाती थी। इससे अधिकांष महत्वपूर्ण मामले बगैर किसी निर्णय के विदेष मंत्रालय में लम्बित रहते थे जिससे भारत से हज के लिए जाने वाले हाजियों और उनसे संबंधित लोगों को काफी परेषानियों का सामना करना पड़ता था। इन सारी समस्याओं को दृष्टिगत रखते हुए तत्कालीन सरकार द्वारा यह निर्णय लिया गया था कि हज का कार्य अल्पसंख्यक मंत्रालय को दे दिया जाए जो एक उचित कदम था, इसलिए इसकी अल्पसंख्यक मंत्रालय में रखना उचित होगा। विदेष मंत्रालय में जाने पर वही स्थिति फिर पैदा हो जायेगी।
डाॅ0 रिज़वी ने अल्पसंख्यक मंत्रालय के मंत्री से अपील की है कि वह सुनिष्चित करें कि प्रदेष सरकारों द्वारा जिन प्रदेषों में हज कमेटियों का गठन नहीं किया गया है वहां शीघ्र गठन कराया जाना चाहिए। जो मामले हज से संबंधित हैं उनका भी निस्तारण जल्द से जल्द किया जाना चाहिए जिससे भारत से हज और उमराह पर जाने वाले लोगों को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।
डाॅ0 रिज़वी ने यह भी कहा कि अल्पसंख्यक मामले जो हज आदि से संबंधित हैं उस पर मंत्रालय को निष्चित रूप से काफी सचेत और सजग रहना चाहिए जिससे इन समस्याओं का निराकरण हो सके।
अल्पसंख्यक मामले हज से संबंधित हैं उस पर मंत्रालय को निष्चित रूप से सचेत और सजग रहना चाहिए: डाॅं0 अम्मार रिज़वी
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