मजदूरों की सामाजिक सुरक्षा न होने का परिणाम पलायनःआदर्शी

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अवधनामा संवाददाता

ओरन (बांदा)। मजदूरों की सामाजिक सुरक्षा का परिणाम बुंदेलखंड में 50 प्रतिशत असंगठित मजदूर पलायन है। दिनांक 18 नवंबर 2022 को सहभागी शिक्षण केंद्र लखनऊ में उत्तर प्रदेश राज्य स्तरीय मजदूरों की सामाजिक सुरक्षा कोड बिल 2020 पर परिचर्चा की गई उक्त कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के 45 मजदूर संगठन यूनियन प्रमुखों ने भागेदारी किया और उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र से रामकरण आदर्शी (अध्यक्ष उप्र ग्रामीण एवं खेतिहर मजदूर यूनियन बुंदेलखंड) ने बताया कि बुंदेलखंड में करीब 16लाख असंगठित मजदूर है जो ईट भट्ठा, कारखानों, खनिज क्षेत्र में संलग्न काम करने हेतु पलायन करते हैं। पलायन के चलते वह अपने मौलिक अधिकार, स्वास्थ, शिक्षा, सरकारी कल्याणकारी योजनाओं व भूमि के अधिकार से वंचित हैं। भवन सनिर्माण कानून एवं बजट का दुरुपयोग हो रहा है सोसल सिकोरटी की निष्कर्ता के चलते करोड़ों बजट खर्च होने के बाद भी बुंदेलखंड का पलायन नही रुक रहा है। विगत वर्ष 2016 से 2019 में 683 मजदूर मुक्त कराए गए और अभी तक सामाजिक सुरक्षा नही दी गई और आज भी वह मजदूर पलायन के लिए मजबूर हैं। उक्त कार्यक्रम में श्री आदर्शी को बुंदेलखंड में असंगठित मजदूरी पर काम करने हेतु प्रसंसनीय पुरुस्कार भेंट कर सम्मानित किया गया।

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