मेघनाथ ने लक्ष्मण को किया मूर्छित, लक्ष्मण शक्ति प्रसंग का मंचन

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रामलीला मंचन के आठवें दिन की लीला

विंध्याचल के मोतिया झील मार्ग स्थित मां विंध्यवासिनी सेवा समिति के भंडारा परिसर में चल रही श्रीविंध्य प्राचीन रामलीला कमेटी की रामलीला में रविवार की रात लक्ष्मण शक्ति के प्रसंग का मंचन किया गया। लीला का शुभारंभ समिति के संरक्षक प्रकाशचंद्र पांडेय व पदाधिकारियों ने श्रीराम-लक्ष्मण व हनुमानजी की आरती कर किया।

रामलीला के क्रम में प्रभु श्रीराम समुद्र तट पर महादेव की स्थापना कर पूजा अर्चन की। नल एवं नील के सहयोग से समुद्र में सेतु का निर्माण हुआ और श्रीराम वानर सेना लेकर लंका में प्रवेश कर गए। जब इसकी जानकारी रावण को हुई तो वह युद्ध के लिए घोषणा कर देता है। मगर प्रभु ने रावण को एक और मौका देते हैं और अंगद को रावण के दरबार में दूत बनाकर भेजते हैं। कहते हैं कि आप जानकी को प्रभु को लौटा दे और अपने को प्रभु चरणों में सिर झुका कर माफी मांग ले। इतना सुनते ही रावण क्रोधित हो जाता है और अंगद को बंदी बनाने के लिए आदेश देता है। युद्ध के मैदान में मेघनाथ लक्ष्मण से युद्ध करने आता है। जब मेघनाथ लक्ष्मण से जीत नहीं पाया तो ब्रह्म शक्ति का प्रयोग कर लक्ष्मण को मूर्छित कर दिया। मंच संचालन कार्यक्रम संयोजक आदर्श उपाध्याय ने किया। इस दौरान रामलीला समिति के संरक्षक सहित पदाधिकारी एवं सदस्य समेत बड़ी संख्या में दर्शक मौजूद थे।

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