मेडिकल स्टोर बना अवैध क्लिनिक, स्वास्थ्य विभाग के पास नही है आंकड़ा

0
118

अवधनामा संवाददाता

स्वास्थ्य विभाग के पास विजिटर डाक्टरों का नही है कोई जानकारी

मेडिकल स्टोर व विजिटर डाक्टर मिलकर कर रहे है मरीजों का शोषण

कुशीनगर। पडरौना नगर सहित विभिन्न कस्बाई क्षेत्र में विजिटर चिकित्सको के गिरफ्त में है। मजे की बात यह है कि खुद को विभिन्न रोगों का विशेषज्ञ बताकर गैर जनपद से आकर यहां के मेडिकल स्टोर पर बैठ रहे इन नामी-गिरामी चिकित्सको का स्वास्थ्य विभाग के पास कोई रिकार्ड नही है। ऐसे मे सवाल लाजिमी है कि इन डाक्टरों द्वारा इलाज के दरम्यान कोई मरीज काल के गाल मे समा जाए है तो इसकी जिम्मेदारी किसकी होगी?

पडरौना नगर सहित कसया, तमकुहीराज, सेवरही, हाटा, खडा, कप्तानगंज, सुकरौली, रामकोला, मथौली, फाजिलनगर, सेवरहीं आदि क्षेत्रों में मेडिकल स्टोर का लाइसेंस लेकर अवैध क्लिनिक चलाने का गैर कानूनी प्रचलन धड़ल्ले से चल रहा है। पडरौना नगर के हॉस्पिटल रोड जाने वाली मार्ग पर नजर दौड़ाएं तो बाए तरफ स्थित कटरा में गणेश मेडिकल हाल, लक्ष्मी मेडिकल स्टोर सहित तमाम मेडिकल स्टोर्स है जहां सप्ताह में चार से पांच दिन विभिन्न रोगों के विशेषज्ञ चिकित्सक गैर जनपद से आकर अवैध तरीके से मेडिकल स्टोर की दुकान पर बैठते है और फीश के रूप में चार सौ से लगायत पांच सौ रुपए वसूलकर पन्द्रह सौ से लेकर दो हजार रूपये का दवा लिखकर मरीजों का शोषण करते हुए इलाज कर रहे है। खबर में दिए गए मेडिकल स्टोर तो एक बानगी है। यही हाल जनपद के कसया, तमकुहीराज, सेवरही, हाटा, खड्डा आदि क्षेत्रों का है जहां मेडिकल स्टोर संचालक व विजिटर चिकित्सक मिलकर मरीजों का शोषण और जिन्दगी से खिलवाड़ कर रहे है और स्वास्थ्य के जिम्मेदार सूरदास बने बैठे है।

सिर्फ उसी मेडिकल स्टोर पर मिलती है दवाएं

कहना ना होगा कि सीएमओ के नाक के नीचे मेडिकल स्टोर के लाइसेंस लेकर अवैध रुप से संचालित हो रहे क्लिनिक पर गैर जनपद से आकर मरीजों का इलाज करने वाले विभिन्न रोगों के विशेषज्ञ चिकित्सक जो दवाएं लिखते है वह सिर्फ उसी मेडिकल स्टोर पर मिलता है जहां वह बैठते है। उन चिकित्सको द्वारा पर्चे पर लिखी गई दवाएं किसी अन्य मेडिकल स्टोर पर नही मिलता है, नतीजतन मेडिकल स्टोर संचालक मरीजों को एमआरपी दर पर दवा तो देते है किन्तु जीएसटी बिल किसी को नही देते है। ऐसे मे जीएसटी व आयकर विभाग द्वारा छापेमारी कर दी जाए तो जनपद मे प्रतिदिन मेडिकल स्टोर्स पर हो रही लाखो रुपए की जीएसटी चोरी करने वाले इन मेडिकल स्टोर्स की न सिर्फ कलई खुल जायेगी बल्कि राजस्व चोरी पर भी अंकुश लग जायेगा।

डिग्री व बोर्ड देखकर मरीज लगाते है नम्बर

बता दें कि मेडिकल स्टोर संचालक गोरखपुर सहित अन्य गैर जनपदों के अलग-अलग रोगों के चिकित्सकों से सेटिंग कर सप्ताह मे चार या पांच दिन उन्हें अपने मेडिकल स्टोर पर बुलाते है जहां खुद को विशेषज्ञ कहलाने वाले चिकित्सक तीन से चार घंटे समय देने के बाद मेडिकल स्टोर से फीश के रूप मे मोटी रकम लेकर चले जाते है। यहां बताना जरूरी है कि यह चिकित्सक मेडिकल स्टोर संचालक द्वारा तैयार कराए गए पैड पर ही मरीजों को दवा लिखते है। पैड पर मेडिकल स्टोर और चार-पांच डाक्टरों का नाम लिखा होता है। गांव देहात के मरीजों को यह भी पता नही होता है कि कौन डाक्टर उनका इलाज कर रहा है।

जानकार बोले

दीवानी न्यायालय के अधिवक्ता व वरिष्ठ भाजपा नेता गिरीश चतुर्वेदी का कहना है मेडिकल स्टोर के संचालकों द्वारा गैर जनपदों से चिकित्सक बुलाकर मेडिकल स्टोर पर बैठकर इलाज कराना कानूनन अपराध है। इसके लिए बकायदे हॉस्पिटल व क्लिनिक का रजिस्ट्रेशन होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर को चिकित्सक गैर जनपद से आकर यहां मरीजों को देखता है तो उस चिकित्सक की डिग्री सहित पूरी जानकारी जानकारी यहां के स्वास्थ्य विभाग के पास होना चाहिए। स्वास्थ्य विभाग के पास इन विजिटर डाक्टरों की जानकारी न होना विभाग की लापरवाही व गैर जिम्मेदाराना आचरण का प्रदर्शन करता है। श्री चतुर्वेदी ने कहा कि मेडिकल स्टोर व विजिटर डाक्टर मिलकर मरीजों के जिन्दगी के साथ खिलवाड़ व शोषण कर रहे है। इन पर कार्रवाई जरूरी है।

मीटिंग मैं है कहकर काट दिए फोन

इस संबंध में मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ सुरेश पटारिया से संपर्क किया गया तो पूरी घंटी बजती रही लेकिन फोन नही उठा, दुसरी बार घंटी बजी सीएमओ ने मीटिंग में है कहकर फोन काट दिया।

Also read

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here