साहित्य प्रेमियों की निगाहें बिल्कुल नई किताबों पर

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अवधनामा ब्यूरो

लखनऊ. प्रेमचन्द जैसे स्थापित रचनाकार पुस्तक प्रेमियों की पहली पसंद हैं. समाज का आईना कहे जाने वाली नयी पुरानी कविता, कहानियों, उपन्यासों की किताबें पुस्तक प्रेमियों को पिछले छह दिनों से लखनऊ पुस्तक मेले में रिझा रही हैं. बाल संग्रहालय लान चारबाग में चल रहे किताबों के इस मेले में साहित्य पुस्तक प्रेमियों की पहली पसंद बनी हुई है. यहां किताबों पर न्यूनतम 10 प्रतिशत छूट है तो कई दुकानों में 60 प्रतिशत तक छूट दी जा रही है.

नयी प्रकाशित किताबों में प्रलेक प्रकाशन के स्टाल पर एक अय्याश अंग्रेजी की कहानी सामने रखती संवेदनाएं जगाने वाली प्रवीण दुबे की किताब तुम्हारी कोशी बहुत पसंद की जा रही है. उषा किरन खान का कथा संग्रह खेलत गेंद गिरे यमुना में की काफी प्रतियां निकल चुकी हैं. गीताश्री की बलम कलकत्ता के संग आभा काला की पुस्तकें झुरमुट और मेरी भी तो सुनो नई पुस्तकें हैं.

राजकमल के स्टाल पर शम्सुर्रहमान फारूकी का उपन्यास कब्जे जमा का अनुवाद, भगवानदास मोरवाल की खानजादा और रणेन्द्र की गूंगी रुलाई का कोरस एकदम ताज़ा किताबें हैं. इसके अलावा संजीव का अहेर, अनामिका की आईनासाज, मिथिलेश्वर की संत न बांधे गाठड़ी, चंदन पाण्डेय का वैधानिक गल्प, ईशान त्रिवेदी का पीपलटोले के लौंडे साहित्यप्रेमी टटोल रहे हैं.

वाणी प्रकाशन में उदय प्रकाश की किताबें एक भाषा हुआ करती थी और अम्बर में अबाबील पसंद की जा रही है. नरेन्द्र कोहली की किताब शिखण्डी और गगन गिल की यह आकांक्षा समय नहीं काव्य संग्रह पसंद किया जा रहा है. प्रेमचन्द्र और गांधी का साहित्य बहुत से स्टालों पर है तो भारती, महादेवी वर्मा, निराला, नागार्जुन, मैत्रेयी पुष्पा, तस्लीमा नसरीन आदि स्थापित रचनाकारों की किताबें लोग खूब देख रहे हैं. चेतन भगत की नई पुस्तक भी अंग्रेज़ी में उपलब्ध है. आरुषि, मैपल प्रेस, आर्यन, रीतेश बुक, मनीश बुक, वैष्णवी बुक्स में अंग्रेज़ी साहित्य है.

मेला गतिविधियों के बारे में निदेशक आकर्ष चंदेल ने बताया कि रेडियोसिटी पर मेले में पुस्तकें खरीदने के लिए सही जवाब देकर एक हजार रुपये का वाउचर जीतने की प्रतियोगिता भी चल रही है. साथ ही मेले में आप्टिकुम्भ स्टाल पर सम्पूर्ण नेत्र जांच शिविर में नेत्र परीक्षण हो रहा है.

साहित्यिक कार्यक्रमों में आज युवा महिला पत्रकार दुर्गा शर्मा के काव्य संग्रह बोनसाई सपने का विमोचन हुआ. कार्यक्रम में प्रो.सूर्यप्रसाद दीक्षित, डा.योगेश प्रवीन, रजनी गुप्ता और वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष शुक्ल ने अपने विचार रखे और दुर्गा की कविताओं को संवेदना और अनुभव से उपजी बतलाया. लेखक हमारे बीच कार्यक्रम में आज त्रिया चरित्तर, सिरी उपमा जोग, भरतनाट्यम, आखिरी छलांग, कसाईबाड़ा और कुच्ची का कानून जैसी प्रसिद्ध रचनाओं के रचयिता कथाकार शिवमूर्ति ने अपने लेखन के उद्देश्य को विचारों में सामने रखा. उनके साथ ही आलोक पराड़कर के संयोजन व संचालन में कथाकार शैलेन्द्र सागर ने अपनी अभिव्यक्ति पुस्तक प्रेमियों के समक्ष रखी. मिशन शक्ति के अंतर्गत लोकनृत्य संध्या में ज्योति किरन रतन ने देश-प्रदेश की लोकनृत्य शैलियों की जानकारी प्रदान की तो शिप्रा ने उनके साथ विभिन्न प्रांतों के लोकनृत्य की झलक दिखाई.

इससे पहले जीतेश श्रीवास्तव के संचालन में चल रहे विश्वम महोत्सव में आज कालेज के छात्र-छात्राओं ने नृत्य, गायन और रचनाएं सुनाने के संग ही अन्य प्रस्तुतिया पेश कीं. ओपेन माइक सेशन से पहले कविता जीकर देखो पुस्तक पर परिचर्चा चली.

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लखनऊ बुक फेयर 2021 के एसोसिएट्स प्रसार भारती-आकाशवाणी, रेडियोसिटी, मोतीलाल मेमोरियल सोसाइटी, विजय स्टूडियो, ऑर्गेनिक इंडिया, किरण फाउण्डेशन, ज्वाइन हैण्ड्स फाउण्डेशन, ऑरिजिंस, सेफ एक्सप्रेस, विश्वम फाउण्डेशन, जकसन, समाग्रा, स्टार टेक्नोलॉजीज, चोकामोर हैं.

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