भाजपा की केन्द्र सरकार के चार साल पूरा होने पर प्रदेश के सभी जिलों में ‘‘पोल खोल-हल्ला बोल’’ के तहत विशाल प्रदर्शन कललखनऊ। केन्द्र में भाजपा की सरकार के चार साल पूरा होने पर सौ से ज्यादा संगठन मिलकर ‘‘पोल खोल-हल्ला बोल’’ अभियान के तहत 23 मई को प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर विरोध प्रदर्शन करेंगे। इन प्रदर्शनों में आयोजक संगठनों के साथ ही आम जनता भी हिस्सेदारी करेगी। केन्द्र की मोदी सरकार ने ‘‘अच्छे दिन’’ और ‘‘सबका साथ-सबका विकास’’ का नारा दिया था। यह भी कहा था कि विदेश से काला धन वापस आयेगा और सभी के खाते में 15 लाख रूपये आयेंगे। मोदी सरकार ने अपने किये गये वायदों में से किसी को भी पूरा नहीं किया। यही नहीं सरकार आने के बाद योजना आयोग को भंग कर नीति आयोग बना दिया गया है। इन चार वर्षों में मजदूरों, किसानों, छात्रों, नौजवानों, महिलाओं, दलितों एवं अल्पसंख्यकों पर हमले तेज हुए हैं। महंगाई में बेतहाशा वृद्धि हुई है। डीजल और पेट्रोल की कीमतें आसमान छू रही हैं। आम जनता की क्रय शक्ति में भारी कमी आयी है। श्रम सुधारों के नाम पर मजदूरों के अधिकारों में कटौती की गयी है। सरकार जिलों में धरना/प्रदर्शन करने के लोकतांत्रिक अधिकार पर हमला इस रूप में कर रही है कि अब जिलाधिकारी कार्यालयों/कचेहरी पर परम्परागत धरना प्रदर्शन स्थल पर रोक लगायी जा रही है। इस दौर में भ्रष्टाचार में बेतहाशा वृद्धि हुई है। कानून व्यवस्था में भारी गिरावट आयी है। बेरोजगारी में वृद्धि हुई है। केन्द्र और राज्य सरकार के विभागों में लाखों पद रिक्त पड़े हैं, उन पर नई नियुक्तियां नहीं हो रही हैं। पदों को समाप्त करने की कोशिश हो रही है। सामाजिक सुरक्षा सुविधाओं-आंगनवाड़ी, मनरेगा आदि के बजट में लगातार कटौती की जा रही है।
सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ संगठनों ने 16 मई से 22 मई तक प्रदेश में व्यापक स्तर पर अभियान चलाया। इस दौरान 10 लाख से ज्यादा पर्चे जनता में वितरित किये गये।
अभियान के समापन के दिन 23 मई को प्रदेश की राजधानी सहित सभी जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन किया जायेगा। इसी क्रम में लखनऊ में सारे संगठनों के कार्यकर्ता 22 कैसरबाग में एकत्रित होंगे और जुलूस के रूप में जिलाधिकारी कार्यालय तक जायेंगे। उक्त जानकारी जन एकता-जन अधिकार आंदोलन की तरफ से जारी प्रेस विज्ञप्ति में प्रेमनाथ राय ने दी।
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