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नई दिल्ली। बलात्कारी बाबा राम रहीम की मुंहबोली बेटी, उसकी पार्टनर इन क्राइम और मोस्ट वांटेड हनीप्रीत इंसा को पकड़ने के लिए पुलिस ने दो मुल्कों (भारत और नेपाल) को छान मारा है। लेकिन हनीप्रीत बड़ी आसानी से पुलिस को गच्चा देकर निकल जा रही है। पुलिस की नाक के नीचे दिल्ली के सबसे पॉश इलाके में वो अपनी वकील से मुलाकात करती है और फिर चकमा देकर फरार हो जाती है। अब यह सवाल उठने लगा कि आखिर कौन है जो हनीप्रीत की मदद कर रहा है। कौन है जो पुलिस की हर मुवमेंट को हनीप्रीत तक पहुंचा रहा है। क्या पुलिस खेमे के ही कुछ लोग तो नहीं हनीप्रीत को बचा रहे हैं?
पुलिस ने जब्त किया था वायरलेस सेट
बीते 25 अगस्त को हरियाणा पुलिस ने राम रहीम के सुरक्षाकर्मियों से एक वायरलेस सेट जब्त किया था। जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक इस वायरलेस सेट से पुलिस की खुफिया सूचनाएं हनीप्रीत और बाबा के मुंडों तक पहुंच रही थी। इतना नहीं सूत्रों का ये भी कहना है कि हरियाणा पुलिस में बैठे कई लोगों ने हनीप्रीत को भगाने में मदद की है। यही लोग हनीप्रीत और आदित्य इंसा के खिलाफ होने वाली छापेमारी की हर सूचना हनीप्रीत को लीक कर रहे हैं।
पुलिस चाहती तो उस वक्त ही हनीप्रीत को गिरफ्तार कर लेती
पुलिस चाहती तो हनीप्रीत को राम रहीम के जेल जाने के बाद ही बड़ी आसानी से गिरफ्तार कर लेती। क्योंकि उस वक्त पुलिस को इस बात की जानकारी मिल चुकी थी कि पंचकूला में हिंसा और उपद्रव फैलाने में हनीप्रीत का ही हाथ है। लेकिन पुलिस की उदासीनता के चलते ही पंचकूला से निकलकर हनीप्रीत सिरसा डेरा में दो दिन तक रुकी थी। गले दिन वह जेड प्लस सिक्योरिटी की आड़ में वहां से निकल गई। उस वक्त सिरसा में कर्फ्यू लगा हुआ था। हरियाणा पुलिस ने उसे गिरफ्तार करने के बजाए सिरसा से बाहर निकलने में मदद कर रही थी।
राजस्थान में पुलिस ने घेरा फिर भी निकल गई हनीप्रीत
इसके बाद 28-29 अगस्त को पुलिस को सूचना मिली कि हनीप्रीत राजस्थान में अपने भाई की ससुराल में रुकी है। पुलिस ने फौरन पूरे इलाके को किले में बदल दिया। लेकिन जबतक पुलिस घर पर छापेमारी करती उससे पहले ही हनीप्रीत वहां से निकल गई। जानकारी के मुताबिक हनीप्रीत के साथ वहां पुलिस के कमांडो भी मौजूद थे।
दिल्ली पुलिस की नाक के नीचे से निकल गई हनीप्रीत
राजस्थान से निकलने के बाद हनीप्रीत ने कई ठिकाने बदले। कभी खबर आई कि वो बिहार में है तो कभी खबर आई नेपाल में। लेकिन अचानक 25 सितंबर को हनीप्रीत अपने वकील के ऑफिस पहुंच गई। दिल्ली के लाजपतनगर में। 2 घंटे वहां रही और चाक चौबंद सुरक्षा का दावा करने वाली दिल्ली पुलिस के सामने आराम से निकल गई। इसके अलावा 27 सितंबर को हनीप्रीत ग्रेटर कैलाश की एक कोठी में मौजूद थी। हरियाणा पुलिस के दबिश देने से पहले ही हनीप्रीत वहां से फरार हो गई।
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