सीएम योगी ने गदर 2 के निर्देशक-कलाकारों से की मुलाकात, डायरेक्टर ने सीएम के बारे में कही ये मजेदार बात

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लखनऊ। गदर के बाद गदर-2 आने में भले ही 22 साल का लंबा वक्त लग गया हो, लेकिन इस फिल्म की सफलता से उत्साहित निर्देशक अनिल शर्मा गदर-3 लाने में इतनी प्रतीक्षा नहीं कराएंगे। बुधवार को फिल्म के प्रचार के लिए लखनऊ आए अनिल ने कहा कि वह गदर-3 की योजना बना रहे हैं। फिलहाल उनकी टीम गदर-2 की सफलता का जश्न मना रही है। बता दें कि इस दौरान गदर-2 के कलाकारों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी सीएम आवास पर मुलाकात की।
गोमतीनगर के होटल ताजमहल में अनिल शर्मा के साथ गदर-2 में खलनायक की भूमिका निभाने वाले मनीष वाधवा, अनिल शर्मा के पुत्र व अभिनेता उत्कर्ष व अभिनेत्री सिमरत कौर भी पहुंचीं। गदर और गदर-2 में रिश्तों के प्रति प्रेम को संजीदगी से दिखाया गया है, क्या गदर-3 की कहानी भी किसी रिश्ते की नींव पर खड़ी होगी? दैनिक जागरण के इस प्रश्न पर अनिल शर्मा ने कहा कि पहले पति-पत्नी यानी तारा और सकीना की प्रेम कहानी दिखाई गई थी। फिर पिता-पुत्र के प्रेम को प्रस्तुत किया गया। अगली कड़ी रिश्तों पर ही हो, इस पर जरूर विचार करेंगे। गदर-2 की सफलता में लखनऊ को कितना याद करते हैं? इस प्रश्न पर अनिल बोले- लखनऊ को मैं कभी भूला ही नहीं। मैं मथुरा से हूं। लखनऊ अपने शहर जैसा है। यहां के लोग भी अपने जैसे हैं।
निर्देशक अनिल शर्मा से पूछा गया कि 22 वर्षों में लखनऊ में क्या बदलाव नजर आया? शर्मा ने कहा, लखनऊ बहुत बदल गया है। यहां शहर साफ-सुथरा है। सड़कें क्लीन (साफ) हैं, क्योंकि यहां के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ क्लीन हैं। यहां फिल्म निर्माताओं को लखनऊ में बहुत मदद मिलती है। शासन-प्रशासन का सहयोग अच्छा है। अब यहां शूटिंग में किसी तरह की दिक्कत ही नहीं होती। गदर-2 में खलनायक बने मनीष वाधवा से पूछा गया कि गदर में अमरीश पुरी ने जिस तरह किरदार निभाया था, उसके सापेक्ष आपको अपनी भूमिका कैसी लगी? वाधवा बोले- मैं अमरीश पुरी तो नहीं हूं, लेकिन मेरा हामिद इकबाल का किरदार उन्हें ही समर्पित है। अनिल शर्मा ने मुझसे जैसा कहा, जैसा इशारा किया मैं कठपुतली की तरह वैसा ही करता गया।
उत्कर्ष शर्मा ने कहा कि लखनऊ कमाल का है। मैं पहली बार आया था, तब से अब बहुत कुछ बदल गया है। अभी लखनऊ की चाट खाकर आया हूं। यहां का खाना लजीज है। कभी-कभी सोचता हूं कि मुम्बई में क्यों रहता हूं। लखनऊ कमाल का है। यहां बहुत कुछ है। बस फिल्म सिटी बन जाए। वहीं सिमरत कौर ने कहा कि मैं किस्मतवाली हूं कि मुझे पहली फिल्म गदर-2 मिली। लखनऊ से ही मेरी किस्मत शुरू हुई है। मैंने यहां आकर सीखा है कि मुस्कुराते रहिए…बाकी सब अच्छा होगा।

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