अवधनामा संवाददाता
6 सूत्री मांगों को लेकर कर्मचारियों ने बुलंद की आवाज,सौपा पत्रक
सोनभद्र। गुरुवार को कलेक्ट्रेट परिसर में प्रांतीय नेतृत्व के निर्देश के परिपालन में पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाली हेतु एकदिवसीय धरना प्रदर्शन आयोजित हुआ
पुरानी पेंशन योजना यानी ओल्ड पेंशन स्कीम के तहत सरकार साल 2004 से पहले कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद एक निश्चित पेंशन देती थी ।यह पेंशन कर्मचारी के रिटायरमेंट के समय उनके वेतन पर आधारित होती थी। इस स्कीम में रिटायर हुए कर्मचारियों की मौत के बाद उनके परिजनों को भी पेंशन दी जाती थी। हालांकि इस स्कीम को 1 अप्रैल 2004 में बंद करके इसे राष्ट्रीय पेंशन योजना (नेशनल पेंशन स्कीम )में बदल दिया गया है
१- इस स्कीम के तहत कर्मचारियों को रिटायरमेंट के समय उनके वेतन की आधी राशि पेंशन के रूप में दी जाती है
२- पुरानी पेंशन स्कीम में अगर रिटायरमेंट के बाद कर्मचारियों की मृत्यु हो जाती है तो उनके परिजनों को पेंशन की राशि दी जाती है
३- इस स्कीम में पेंशन देने के लिए कर्मचारियों के वेतन से किसी भी तरह की कटौती नहीं होती है
४ – पुरानी पेंशन स्कीम में रिटायरमेंट के समय कर्मचारियों को अंतिम बेसिक सैलरी का 50 फ़ीसदी यानी आधी राशि तक पेंशन के रूप में दिया जाता है
५ – इस स्कीम के जरिए रिटायरमेंट के बाद मेडिकल भत्ता और मेडिकल बिलो की रीइंबर्समेंट की सुविधा भी दी जाती है
६ – इस स्कीम में रिटायर्ड हुए कर्मचारियों को 20 लाख रुपए तक ग्रेच्युटी की रकम दी जाती है
पेंशन स्कीम के तहत सरकारी कर्मचारी पेंशन पाने के लिए अपनी बेसिक सैलरी प+DA में से 10% और उनके नियोक्ता 14 प्रतिशत तक योगदान देते हैं। इसे आसान में समझा जाए तो रिटायरमेंट के बाद पेंशन के लिए कर्मचारियों को कार्यकाल के दौरान अपनी बेसिक सैलरी का 10% निवेश करना होता है
यह योजना भारतीय शेयर बाजार पर आधारित होती है इसलिए कर्मचारियों को भुगतान भी बाजार की चाल को देखते हुए किया जाता है
चूंकि यह योजना शेयर बाजार पर आधारित है ।यही वजह है कि इसे भविष्य के लिए पूरी तरह सुरक्षित नहीं माना जाता है
एनपीएस के तहत सरकार की तरफ से रिटायरमेंट के समय कर्मचारियों को निश्चित पेंशन देने की कोई गारंटी नहीं दी गई है ।
नई पेंशन योजना के जरिए रिटायरमेंट के बाद पेंशन पाने के लिए कर्मचारियों को एनपीएस फंड में 40% निवेश करना पड़ता है ।
इसमें रिटायरमेंट के बाद मिलने वाले पैसे पर भी कर्मचारियों को टैक्स देना पड़ता है ।
इस योजना में हर 6 महीने के बाद मिलने वाला महंगाई भत्ता नहीं दिया जाता है ।
निजी क्षेत्र के कर्मचारी भी इस योजना में निवेश करके रिटायरमेंट के बाद पेंशन पा सकते हैं।
इस धरने के दौरान प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष योगेश कुमार पांडे जी ने कहा कि यदि सरकार शीघ्र ही पुरानी पेंशन लागू नहीं करेगी तो सभी शिक्षक व कर्मचारी सड़क से लेकर सदन तक बृहद आंदोलन करने को बाध्य होंगे पुरानी पेंशन बुढ़ापे की लाठी है और यह हमारा हक है जब तक पुरानी पेंशन लागू नहीं होगी हमारा आंदोलन चलता रहेगा
जिलाधिकारी के माध्यम से माननीय प्रधानमंत्री जी एवं मुख्यमंत्री जी को उक्त मांगों के संबंध में ज्ञापन भी प्रेषित किया गया। इस अवसर पर..
शैलेंद्र कुमार त्रिपाठी ,सहसंयोजक ,पुरानी पेंशन योजना बहाली संयुक्त मंच जनपद सोनभद्र एवं राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद सोनभद्र
राजीव कुमार शुक्ला ,सहसंयोजक, अध्यक्ष उत्तर प्रदेश मिनिस्ट्रियल कलेक्ट्रेट कर्मचारी संघ
योगेश कुमार पांडे, सहसंयोजक ,अध्यक्ष उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ
संतोष कुमार सिंह, अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ पीडी
प्रवीण कुमार मिश्रा ,उपाध्यक्ष ,राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद
प्रेशीला ,अध्यक्ष, स्वास्थ्य विभाग महिला कर्मचारी संघ
मोहम्मद सलाउद्दीन, मंत्री /सचिन ,पुरानी पेंशन योजना बहाली संयुक्त मंच जनपद सोनभद्र एवं राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद।
रवि भूषण ,अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश जूनियर हाई स्कूल शिक्षक संघ
धीरेंद्र प्रति त्रिपाठी ,मंत्री, उत्तर प्रदेश जूनियर हाई स्कूल शिक्षक संघ
लाल बहादुर, कृषि अधीनस्थ कर्मचारी संघ
विनोद सोनकर, उत्तर प्रदेश परिवहन कर्मचारी संघ
प्रेमनाथ, अध्यक्ष ,अमीन संघ
मनोज कुमार दुबे ,अध्यक्ष, ग्राम पंचायत अधिकारी संघ
अरुण कुमार सिंह, अध्यक्ष, ग्राम विकास अधिकारी
जयप्रकाश राय ,जिला संरक्षक ,उत्तर प्रदेश के प्राथमिक शिक्षक संघ
रविंद्र नाथ चौधरी, महामंत्री, उत्तर प्रदेश के प्राथमिक शिक्षक संघ जनपद सोनभद्र उपस्थित रहे।